इस्लामाबाद: मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में दशकों से लागू संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा दिया. केंद्र के इस फैसले के साथ ही राज्य को मिला विशेष दर्जा समाप्त हो गया. साथ ही सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया. इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है और आगे अंतराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाने की बात कही है.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्वीट किया, "भारतीय अधिकृत जम्मू और कश्मीर की स्थिति को बदलने की भारत की कोशिश UNSC के प्रस्तावों के खिलाफ है और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के खिलाफ है. पाकिस्तान कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के आधार पर एक शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना है और उनके साथ जरूरत की घड़ी में हमेशा खड़ा है."
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केंद्र सरकार के इस फैसले के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. सरकार ने यह कदम सीमा पार आतंकवाद के लगातार खतरे को देखते हुए उठाया है.
India's attempt to further change status of Indian Occupied Jammu & Kashmir is against the resolutions of UNSC & against wishes of the Kashmiri people. Pakistan supports & insists on a peaceful resolution based on wishes of Kashmiri people & stands with them in their hour of need
— The President of Pakistan (@PresOfPakistan) August 5, 2019
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस दौरान कहा कि लद्दाख के लोग लंबे समय से उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर रहे थे और यह निर्णय स्थानीय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का बयान-
Pakistan Ministry of Foreign Affairs statement on Article 370: As the party to this international dispute, Pakistan will exercise all possible options to counter the illegal steps. Pakistan reaffirms its abiding commitment to the Kashmir cause.
— ANI (@ANI) August 5, 2019
उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों (भारत और पाकिस्तान) से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है. गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने रविवार को बताया, "भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) ने हाल के दिनों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सैन्य गतिविधि में वृद्धि देखी और इसकी सूचना दी है." उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने की अपील करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थिति और खराब न हो."