बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे का शिवसेना का बड़ा हमला, कहा नहीं चला रहे हैं कोई ऑपरेशन 'Lotus', संजय राउत को भेजना पड़ेगा मेंटल हॉस्पिटल
संजय राउत/रावसाहेब पाटिल दानवे ( फोटो क्रेडिट- Facebook and IANS )

मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों में चल रही खींचतान बरकरार है. एक तरफ अजित पवार की एनसीपी ने बीजेपी का साथ देकर सूबे में सरकार बना दी है. तो वहीं उनके चाचा शरद पवार की एनसीपी अभी भी शिवसेना को समर्थन देने पर अडिग है. इस बीच कभी बीजेपी के साथ सुर में सुर मिलाकर विरोधियों पर हमला करने वाली शिवसेना अब बीजेपी के खिलाफ है. आलम ऐसा है कि बीजेपी-सेना के नेता एक दूसरे पर लगातार जुबानी हमला कर रहे हैं. इसी बीच बीजेपी नेता रावसाहेब पाटिल दानवे (Raosaheb Patil Danve) का एक बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने शिवसेना पर हमला करते हुए कहा कि कोई ऑपरेशन लोटस नहीं है, हमारे पास बहुमत के लिए पर्याप्त विधायक हैं, हम किसी भी विधायक को डरा नहीं रहे हैं. संजय राउत ( Sanjay Raut) के आरोप झूठे हैं, कुछ दिनों के बाद उसे मेंटल हॉस्पिटल (Mental Hospital) भेजना पड़ेगा.

बता दें कि इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत का एक बयान आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी नेता अगर सत्ता से दूर रहे तो उनका दिमाग खराब हो जाएगा. पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा कि जब शिवसेना-एनसीपी- कांग्रेस की संयुक्त सरकार राज्य में आएगी तब वह महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में ऐसे लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्लिनिक खोलेगी. संजय राउत ने दावा किया, सदन पटल पर हम बहुमत साबित करने जा रहे हैं. अगर उन्हें सत्ता से दूर कर दिया गया तो ऐसे में बीजेपी नेताओं का दिमाग खराब हो जाएगा. वे मानसिक संतुलन खो देंगे. यह भी पढ़ें:- अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के 2 दिन बाद 9 बड़े मामलों में बंद हुई जांच? कांग्रेस ने मोदी सरकार पर किया हमला.

शिवसेना ने फडणवीस का मांगा इस्तीफा

गौरतलब हो कि सियासी हंगामे के बिच शिवसेना ने मांग की है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास समर्थन नहीं है और वे अल्पमत की सरकार चला रहे हैं इसलिए उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. विधानसभा में शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने जोर देकर कहा, हमारे पास पर्याप्त संख्या है. हमारे पास 165 विधायकों का समर्थन है. हम सही तरीके से अपना बहुमत तुरंत साबित कर सकते हैं. हम अपने विधायक गिनती कराने के लिए राज्यपाल के पास ले जा सकते हैं या सदन में ध्वनि मत या गुप्त मत, किसी भी तरह से बहुमत साबित कर सकते हैं.