नई दिल्ली: हाल ही में NEET-UG 2024 पेपर लीक के मामले में हजारीबाग, झारखंड के एक प्रमुख स्कूल "ओएसिस स्कूल" के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ CBI ने गंभीर आरोप लगाए हैं. CBI की दूसरी चार्जशीट में प्रिंसिपल अहसनुल हक और वाइस प्रिंसिपल मोहम्मद इम्तियाज आलम समेत चार अन्य लोगों को नामित किया गया है. यह मामला छात्रों के भविष्य और देश की परीक्षा प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे शिक्षा जगत में हलचल मच गई है.
CBI की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिंसिपल हक और वाइस प्रिंसिपल आलम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर NEET-UG 2024 (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) के प्रश्न पत्र को चोरी करने की साजिश रची थी. यह मामला तब सामने आया जब CBI ने हजारीबाग में जांच शुरू की और स्कूल के अन्य स्टाफ और कुछ बाहरी लोगों की संलिप्तता उजागर की.
CBI ने यह चार्जशीट पटना की एक विशेष अदालत में दाखिल की है, जिसमें आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 109 (उकसाना), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 380 (चोरी), धारा 201 (सबूत मिटाना) और धारा 411 (चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
कैसे लीक हुआ प्रश्न पत्र?
CBI के अनुसार, 5 मई 2024 को हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल में NEET-UG के प्रश्न पत्रों से भरे ट्रंक को परीक्षा से पहले स्कूल के कंट्रोल रूम में रखा गया था. प्रिंसिपल हक और वाइस प्रिंसिपल आलम ने इस ट्रंक तक पहुंचने के लिए पंकज कुमार (मुख्य आरोपी) को अवैध रूप से अनुमति दी, जिन्होंने उन्नत उपकरणों का उपयोग करके ट्रंक को खोला और प्रश्न पत्र को चुरा लिया. यह प्रश्न पत्र फिर MBBS के छात्रों द्वारा हल किया गया, जो AIIMS पटना, RIMS रांची और भारतपुर के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे थे.
CBI की कार्रवाई और गिरफ्तारी
CBI ने अब तक इस मामले में 48 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सात ऐसे छात्र शामिल हैं जो प्रश्न पत्र हल करने में मदद कर रहे थे. इन छात्रों को हजारीबाग लाकर पेपर हल कराया गया और फिर इसे चुनिंदा छात्रों तक पहुंचाया गया जिन्होंने इसके लिए मोटी रकम चुकाई थी.
इस साजिश में कई गिरोह के सदस्य शामिल थे, जिन्होंने छात्रों के रहने की व्यवस्था की, उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया, और प्रश्न पत्र प्राप्त करने में उनकी मदद की. CBI ने उन सभी छात्रों की पहचान कर ली है जिन्होंने इस लीक पेपर का लाभ उठाया, और उनकी जानकारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सौंप दी गई है ताकि उचित कार्रवाई की जा सके.
NEET-UG परीक्षा का आयोजन MBBS, BDS, और AYUSH कोर्सेस में दाखिले के लिए किया जाता है. यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण परीक्षा है, जिसे लाखों छात्र अपनी चिकित्सा शिक्षा के लिए देते हैं. इस साल 23 लाख से अधिक छात्रों ने यह परीक्षा दी थी, जो 5 मई को 571 शहरों और 14 विदेशी केंद्रों पर आयोजित की गई थी. ऐसे में पेपर लीक की घटना ने परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.