मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: जांच अधिकारी के ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, नागेश्वर राव तलब
सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, नागेश्वर राव तलब (Photo Credit: PTI)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बावजूद बिहार (Bihar) में शेल्टर होम (Shelter Home) मामलों की जांच कर रहे सीबीआई (CBI) के अधिकारी ए. के. शर्मा का तबादला किए जाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए शीर्ष अदालत ने गुरुवार को जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव (M. Nageshwar Rao) को व्यक्तिगत रूप से 12 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi), न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया और कोर्ट की अनुमति के बगैर ही जांच ब्यूरो के संयुक्त निदेशक शर्मा का तबादला सीआरपीएफ में किए जाने के मामले में नागरेश्वर राव को अवमानना नोटिस जारी किया. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हम इसे बहुत-बहुत गंभीरता से लेने वाले हैं. आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खिलवाड़ किया है. भगवान ही आपकी सहायता करें. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कभी खिलवाड़ नहीं करना.

बेंच ने जांच ब्यूरो के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को उन अधिकारियों के नाम बताने का निर्देश दिया जो ए. के. शर्मा का तबादला जांच एजेंसी से बाहर करने की प्रक्रिया का हिस्सा थे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश का जिक्र किया जिसमें सीबीआई से कहा गया था कि शर्मा को बिहार शेल्टर होम मामलों की जांच के दल से हटाया नहीं जाए. बेंच ने नागेश्वर राव के साथ ही जांच ब्यूरो के उन अधिकारियों को भी 12 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है जो शर्मा के तबादले की प्रक्रिया का हिस्सा थे.

इसके अलावा, बेंच ने सीबीआई के प्रभारी अभियोजन निदेशक एस. भासु राम को भी उसके आदेश के उल्लंघन के लिए कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित शेल्टर होम में अनेक लड़कियों से कथित बलात्कार और उनके यौन उत्पीड़न का मामला सुर्खियों में आने के बाद बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की थी. लेकिन फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी थी. यह भी पढ़ें- कांग्रेस ने अल्पसंख्यक अधिवेशन में किया ऐलान, 2019 में सत्ता मिली तो खत्म करेंगे तीन तलाक कानून

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ही मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले के मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया और निचली अदालत के जज को रोजाना सुनवाई कर मामले को 6 महीने में समाप्त करने का निर्देश दिया. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि कोई भी दोषी नहीं बचेगा लेकिन यही मामले का अंत नहीं है. हालांकि सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा कि मामले को पहले ही मुजफ्फरपुर से पटना ट्रांसफर किया जा चुका है. कोर्ट को बताया गया कि मामले में चार्जशीट दिसंबर 2018 में दाखिल किया गया.

भाषा इनपुट