नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) जितनी तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है, उतनी ही तेज गति से प्रवासी मजदूरों (Migrant Worker) के पलायन का सिलसिला लगातार जारी है. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट इतना ज्यादा गहरा गया है कि उनके पास अपने घरों को वापस लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. लिहाजा अपने परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय करके ये प्रवासी मजदूर लगातार अपने-अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. इस दौरान अलग-अलग हादसों में अब तक कई मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कई मजदूरों को रास्ते में तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इसी कड़ी में रविवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा (Delhi-Uttar Pradesh Border) पर गाजीपुर (Gazipur) में भारी तादात में प्रवासी मजदूर इकट्ठा हुए, ताकि वो किसी तरह अपने घरों तक पहुंच सकें. ऐसे में औरैया हादसे के बाद यूपी सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए अपने जिला मजिस्ट्रेटों को पैदल चलने वाले प्रवासियों के लिए बसों की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. यह भी पढ़ें: पलायन जारी: सोलापुर से साइकिल पर सवार होकर यूपी के लिए निकले प्रवासी मजदूर पहुंचे नागपुर, बोले- हम क्वारेंटीन के लिए तैयार, बस हर हाल में पहुंचना है घर
गाजीपुर में मजदूरों की उमड़ी भीड़
Delhi: Migrant labourers in large numbers gather in Gazipur at Delhi-Uttar Pradesh border. After the #Auraiya accident, UP Government has ordered its district magistrates to arrange buses for migrant workers who are found walking on foot. pic.twitter.com/UAzqEgSiVn
— ANI (@ANI) May 17, 2020
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के औरैया में शनिवार को नेशनल हाइवे पर एक ढाबे के सामने खड़े कंटेनर में मजदूरों से भरी डीसीएम टकरा गई. इस भीषण हादसे में 24 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन दर्जन लोग घायल हो गए हैं. सभी घायलों का इलाज कराया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, सभी हादसे का शिकार हुए सभी लोग प्रवासी मजदूर थे. ये सभी दिल्ली व फरीदाबाद से गोरखपुर और बिहार की तरफ जा रहे थे.