मुंबई: महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में महिलाओं के लापता होने की रिपोर्ट सामने आई है. आंकड़ा (Maharashtra Women Missing Data) आपको चौंका देगा. राज्य सरकार द्वारा गुरुवार को विधान परिषद में दी गई जानकारी के अनुसार, 2020 और 2021 में हर दिन औसतन 80 से अधिक महिलाएं लापता हुईं. एक लिखित जवाब में, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य में पुलिस द्वारा कुल 60,435 गुमशुदगी की शिकायतें (महिलाओं की) दर्ज की गई थीं. इसमें से 23,157 महिलाएं 2020 में लापता हुई थीं जबकि 37,278 साल 2021 में लापता बताई गई थीं. Mumbai: सड़क पर पेशाब करने से रोकने पर सब्जी वाले ने पुलिस कांस्टेबल पर चाकू से किया हमला; गिरफ्तार.
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दो साल में लापता हुई महिलाओं में से लगभग 40,000 मिल गई हैं. बाकी 20,630 की तलाश जारी है. यह जानकारी नहीं दी गई है कि लापता महिलाओं से वयस्क कितनी थी और कितनी नाबालिग लड़कियां थी.
राज्य सरकार ने परिषद के सदस्यों को सूचित किया कि विभिन्न स्तरों पर मानव तस्करी विरोधी सेल का गठन किया गया है. देह व्यापार से छुड़ाई गई महिलाओं के पुनर्वास की देखरेख के लिए एक समिति भी बनाई गई है. महिलाओं की तस्करी के मामलों को रोकना प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है.
गुमशुदा बच्चों का पता लगाने के लिए एसओपी को भी संशोधित किया गया है, जबकि व्यावसायिक देह व्यापार में फंसे लोगों के बचाव और पुनर्वास के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं।. गृह मंत्री ने यह भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय सहित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशानिर्देश पुलिस अधिकारियों को भेजे जा रहे हैं. उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने एक विशेष वेबसाइट - www.trackthemissingchild.gov.in - के बारे में भी बताया, जो केंद्र सरकार की एक पहल है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एकीकृत बाल संरक्षण योजना (ICPS) की देखरेख करता है.