नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचते हुए महाशक्ति बना. दरअसल 'मिशन शक्ति' के तहत उपग्रह-भेदी मिसाइल (ए-सैट) के जरिए मात्र तीन मिनट में पृथ्वी की निचली कक्षा में एक सैटेलाइट को नेस्तनाबूद कर दिया गया. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बना. 'मिशन शक्ति' की सफलता की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश जारी कर दी. जहां एक तरफ इस मिशन ने पूरी दुनिया में भारत का लोहा मनवाया तो वहीं दूसरी ओर कई राजनीतिक पार्टियां मिशन के समय और पीएम मोदी की मंशा को लेकर सवाल खड़े करने लगी. इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग से कार्यवाई की मांग की.
चुनाव आयोग ने शिकायत मिलने के बाद एक जांच कमिटी गठित की. जिसने प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत को खारिज कर दिया है. आयोग ने शुक्रवार को इस मामले की विस्तृत जांच के बाद कहा कि पीएम के संबोधन से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है.
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Election Commission says PM Modi's "Mission Shakti" speech didn't violate Model Code of Conduct (MCC); states, "Committee has reached to conclusion that MCC provision regarding misuse of official mass media as contained in Para (IV) of Part VII of MCC isn't attracted in the case" pic.twitter.com/fjDZRnvsMc
— ANI (@ANI) March 29, 2019
आयोग ने कहा, ‘‘समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस मामले में आचार संहिता के तहत सरकारी मीडिया के दुरुपयोग संबंधी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ है.’’ समिति ने इस मामले की जांच के लिये सार्वजनिक प्रसारण सेवा से जुड़े दूरदर्शन और आकाशवाणी से प्रधानमंत्री के संबोधन के प्रसारण की फीड का स्रोत एवं अन्य जानकारियां मांगी थीं. जिसकी जांच के आधार पर समिति ने पीएम के प्रसारण को अचार संहिता के उल्लंघन के दायरे से बाहर बताया है.
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम सन्देश – मूल पाठ (क्लिक करें)
पीएम मोदी ने बुधवार को मिशन शक्ति की कामयाबी से देश को अवगत कराने के लिये राष्ट्र के नाम संबोधन किया था. अभी तक यह तकनीक सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस के पास थी. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने सरकारी प्रसारण सेवा का इस्तेमाल करने के कारण इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने का दावा करते हुये आयोग से इसकी शिकायत की थी.