Digital Arrest In Hyderabad: हैदराबाद में आईटी इंजिनियर को 30 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट, करवाया 15 किलोमीटर का सफर, लॉज में रूम किया बुक
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Digital Arrest In Hyderabad: हैदराबाद में एक डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है. जहां पर एक आईटी इंजिनियर को करीब 30 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया.30 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखने के बाद आखिरकार वह साइबर अपराधियों के चंगुल से मुक्त हो पाया. साइबर अपराधियों ने उसे अपने साथ वीडियो कॉल पर रखा.

जानकारी के मुताबिक़ यह सब शुक्रवार की रात को शुरू हुआ. इस दौरान पीड़ित इंजीनियर ने मियापुर से अमीरपेट तक 15 किलोमीटर का सफर तय किया. इसके बाद उसने एक लॉज में कमरा बुक कराया. रविवार सुबह जब उनका कॉल अचानक बंद हो गया तो उसे मौका मिला और उसने मदद के लिए साइबर पुलिस से संपर्क किया. ये भी पढ़े:Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड पर बड़ा एक्शन, गृह मंत्रालय ने गठित की हाई लेवल कमेटी

जानकारी के मुताबिक आईटी इंजीनियर के मोबाइल पर संदिग्ध मैसेज आया. उसे लगे की ये स्पैम है, उसने इसे नजरअंदाज कर दिया. यह सब शनिवार दोपहर 3 बजे शुरू हुआ जब आरोपी ने उसे फोन किया. पहले आरोपी ने खुद को FedEx कूरियर एजेंट और फिर मुंबई पुलिस अधिकारी होने की जानकारी दी. इसी बीच उसने पीड़ित को बताया कि आपका आधार कार्ड नंबर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले से जुड़ा है.

ये सुनकर पीड़ित काफी घबरा गया पीड़ित को लगा कि ये सब सच है. जैसे ही अपराधियों को पता लगा की पीड़ित फंस गया है, अपराधियों ने उसे व्हाट्सएप वीडियो कॉल करने के लिए मजबूर किया और कहा कि जब तक अकाउंट की जांच नहीं हो जाती, तब तक फ़ोन कट न करें.

साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक,'पीड़ित बहुत डरा हुआ था. वह रात को 4 बजे घर से निकला. घर से निकलते समय उसने अपनी पत्नी और बच्चे को बताया कि उसकी एक होटल में अपने बॉस के साथ एक जरूरी मीटिंग है और अगले कुछ घंटों तक वह बिजी रहेगा .जब तक मैं घर न आ जाऊं, मुझे फोन मत करना. ऐसा भी पीड़ित ने अपने परिवार से कहा.

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित लॉज जाते समय भी फोन पर बात कर रहा था. उन्होंने पीड़ित को धमकी दी कि यदि हमारे निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो आपको और आपके परिवार को गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

पीड़ित को बताया था कि यह सिलसिला सोमवार की सुबह बैंक खुलने तक जारी रहेगा. इसके बाद, उससे कहा गया की वेरिफिकेशन के लिए बैंक अकाउंट से आरटीजीएस के माध्यम से वे पेमेंट करने पर उसे छोड़ दिया जाएगा. लेकिन उन्होंने पेमेंट की जानकारी नहीं दी. रविवार के चार बजे तक ये सिलसिला चलता रहा. इसके बाद पीड़ित का कॉल अचानक कट हो गया और इसी दौरान पीड़ित ने हैदराबाद साइबर पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद पुलिस ने बताया की उसके साथ फ्रॉड हुआ है.