UPI & Minimum Bank Balance Rule Change: नई वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत के साथ ही कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. खासतौर पर टैक्सपेयर्स, नौकरीपेशा लोगों और बैंक ग्राहकों के लिए नए नियम लागू होंगे. इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, UPI ट्रांजैक्शन से जुड़े नए नियम और बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस जैसी चीजों पर असर पड़ेगा. आइए जानते हैं कि 1 अप्रैल से क्या कुछ बदलने वाला है. इस साल बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणा की थी, जिसमें नौकरीपेशा लोगों को राहत दी गई. 12 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. अगर आप ₹75,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ लें, तो ₹12.75 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
इसके अलावा, सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट को ₹25,000 से बढ़ाकर ₹60,000 कर दिया गया है. ये सारे बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे.
TDS और TCS के नियमों में बदलाव
- बुजुर्गों के लिए राहत: बैंक एफडी पर सीनियर सिटीजंस के लिए TDS की लिमिट बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है. पहले यह ₹50,000 थी.
- 60 साल से कम उम्र वालों के लिए: अब ₹40,000 की जगह ₹50,000 पर TDS कटेगा.
- विदेश यात्रा और निवेश पर TCS लिमिट: अब ₹7 लाख की जगह ₹10 लाख से ज्यादा विदेश भेजे जाने वाले पैसे पर TCS लागू होगा.
यूपीआई (UPI) के नए नियम
अब नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नया सुरक्षा अपडेट लागू किया है. नए नियम के तहत, अगर आपका मोबाइल नंबर लंबे समय तक एक्टिव नहीं रहा, तो उससे जुड़े UPI अकाउंट ब्लॉक हो जाएंगे.
Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे पेमेंट ऐप्स पर भी यह नियम लागू होगा. UPI Lite के बैलेंस को बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने की सुविधा भी मिलेगी.
नई पेंशन योजना (UPS)
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पुरानी पेंशन योजना की जगह लेगी. इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. जिनकी कम से कम 25 साल की सर्विस हो चुकी है, उन्हें आखिरी 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा.
बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी
SBI, PNB और Canara Bank जैसे बड़े बैंकों ने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस की लिमिट बढ़ाने का फैसला लिया है. अगर ग्राहक अपने खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं, तो उन पर चार्ज लगेगा.
NPS वात्सल्य स्कीम में टैक्स छूट
बच्चों के भविष्य के लिए निवेश करने वालों को टैक्स में छूट मिलेगी. सेक्शन 80CCD (1B) के तहत ₹50,000 की टैक्स छूट मिलेगी, लेकिन यह सिर्फ पुरानी टैक्स व्यवस्था में लागू होगी.
1 अप्रैल से लागू होने वाले ये बदलाव सीधे आपकी जेब और रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करेंगे. खासतौर पर टैक्सपेयर्स, नौकरीपेशा लोग और बैंक ग्राहकों के लिए ये जानकारियां बेहद जरूरी हैं.













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