Employee Pension Scheme: कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत अधिक पेंशन (Pension) पाने को लेकर खुशखबरी है. कर्मचारीभविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत अधिक पेंशन (Pension) के लिए गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत कर्मचारी 3 मार्च 2023 या उससे पहले हायर पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, यह ऑप्शन सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 अगस्त 2014 को एम्पलॉयी प्रोविडेंट फंड के सदस्य थे और उन्होंने ईपीएस के तहत उच्च पेंशन का ऑप्शन नहीं चुना है.
ईपीएफओ के अनुसार ये सभी कर्मचारी एम्पलॉयर ईपीएस के जरिए उच्च पेंशन के लिए संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था. इसमें पेंशन योग्य सैलरी कैप को 6500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15 हजार रुपये महीना कर दिया गया था. इसके लिए मेंबर्स और नियोक्ता को उनके मूल वेतन का 8.33% योगदान देने की अनुमति दी गई थी. यह भी पढ़े: 7th Pay Commission: ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग के बीच सरकारी कर्मचारियों को मिली बड़ी सौगात, 1 अप्रैल से होगा तगड़ा फायदा
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
ईपीएफओ ने एक कार्यालय आदेश में अपने फील्ड कार्यालयों द्वारा ‘Joint Option Form’ से निपटने के बारे में जानकारी दी है. ईपीएफओ ने कहा कि एक सुविधा दी जाएगी, जिसके लिए जल्द ही URL (unique resource location) बताया जाएगा. इसके मिलने के बाद रिजनल पीएफ कमिश्नर व्यापक सार्वजनिक सूचना के लिए नोटिस बोर्ड और बैनर के जरिए जानकारी देंगे. आदेश के मुताबिक, प्रत्येक आवेदन को रजिस्टर्ड किया जाएगा, डिजिटल रूप से लॉग इन किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या दी जाएगी.
पहले से ही ज्यादा वेतन के आधार पर योगदान कर रहे लेकिन औपचारिक रूप से संयुक्त विकल्प नहीं चुनने वाले कर्मचारियों को क्षेत्रीय ईपीएफओ ऑफिसों में इस बारे में एक आवेदन देना होगा. भविष्य निधि से पेंशन निधि में पैसे के बंटवारे या निधि को फिर से जमा करने से संबंधित कोई भी काम करवाने के लिए कर्मचारियों को विशेष सहमति संयुक्त विकल्प फार्म में देनी होगी.
ऐसे करें आवेदन:
ईपीएफओ की तरह से जारी गाइडलाइन के अनुसार ज्यादा पेंशन पाने के लिए ईपीएस मेंबर को अपने करीबी ईपीएफओ ऑफिस जाना होगा. वहां उन्हें एप्लिकेशन के साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स भी जमा कराने होंगे। कमिश्नर के बताए तरीके और फॉर्मेट के मुताबिक एप्लिकेशन देनी होगी. जॉइंट ऑप्शन में डिसक्लेमर और डिक्लरेशन भी होगा. प्रॉविडेंट फंड से पेंशन फंड तक में एडजस्टमेंट की जरूरत है तो जॉइंट फॉर्म में कर्मचारी की सहमति की जरूरत होगी. छूट वाले प्रॉविडेंट फंड ट्रस्ट से पेंशन फंड को फंड ट्रांसफर करने वाले केस में ट्रस्टी को एक अंडरटेकिंग जमा करनी होगी. एप्लिकेशन जमा होने के बाद इससे सर्कुलर के मुताबिक निपटा जाएगा. इसके लिए जल्द ही यूआरएल (यूनिक रिसोर्स लोकेशन) बताया जाएगा.