8th Pay Commission: क्या सरकार वापस लाएगी पुरानी पेंशन योजना? जानें ओल्ड पेंशन स्कीम के फायदे
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8th Pay Commission News: जनवरी 2004 में जब से केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की जगह नई पेंशन प्रणाली (NPS) शुरू की है, तब से पुरानी प्रणाली को वापस लागू करने की लगातार मांग की जा रही है. हाल ही में, ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (AIRF) ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखकर 2004 से पहले की पुरानी पेंशन प्रणाली को बहाल करने की मांग की है. इस निर्णय के बाद से ही पुरानी व्यवस्था को वापस लागू करने की लगातार मांग की जा रही है.

फेडरेशन ने अपने पत्र में लिखा, "...20 लाख से ज़्यादा नागरिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत शासित हैं और हर महीने उन्हें अपने मूल वेतन और डीए का 10 फीसदी एनपीएस में जमा करना होता है. इससे उनका टेक होम वेतन काफ़ी कम हो जाता है. सरकार ने अब तक एनपीएस को खत्म करने और 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद भर्ती हुए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पेंशन बहाल करने की मांग पर सहमति नहीं जताई है."

एसोसिएशन ने यह मांग 1 जनवरी 2026 से 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन जैसी अन्य मांगों के साथ उठाई है. केंद्र आमतौर पर हर 10 साल में नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करता है और अंतिम वेतन आयोग 2014 में स्थापित किया गया था और इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुईं.

एआईआरएफ ने केंद्र सरकार को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा कि सभी पहलुओं और आवश्यकताओं पर विचार करने तथा योग्य और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को सरकारी सेवा में आकर्षित करने के लिए, अब समय आ गया है कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का तुरंत गठन किया जाए तथा आपसी चर्चा और समझौते के माध्यम से केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान/भत्ते/पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित किया जाए.

पुरानी पेंशन व्यवस्था क्या है और इसके तहत मुख्य लाभ क्या हैं?

पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर पेंशन मिलती है, जो उनके अंतिम वेतन के 50 फीसदी के बराबर होती है. उन्हें महंगाई राहत (DR) में हर छह महीने में संशोधन का लाभ भी मिलता है. इसके अलावा, OPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) भी शामिल है, जिसमें कर्मचारी नौकरी के दौरान अपने वेतन से एक हिस्सा जमा करते हैं. रिटायरमेंट के बाद, उन्हें अपने रोजगार के दौरान GPF में जमा की गई कुल राशि मिलती है.

OPS, NPS से किस तरह अलग है?

पुरानी पेंशन में सरकार कर्मचारी के वेतन से किसी भी प्रकार की कटौती के बिना पूरी पेंशन राशि देती थी. नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का 10 फीसद हिस्सा पेंशन योगदान के लिए काटा जाता है. नई पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत, सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते (DA) का 10 फीसदी योगदान करते हैं, जबकि सरकार हर महीने मूल वेतन और DA का 14 फीसदी योगदान करती है.

पुरानी पेंशन सेवानिवृत्त होने वाले वाले कमर्चारी के सेवा के अंतिम महीने की मूल सैलरी का 50 फीसद होती है. पुरानी पेंशन व्यवस्था में ग्रैच्युटी का भी प्रावधान है. पुरानी पेंशन व्यवस्था में सेवारत कमर्चारी की तरह ही महंगाई भत्ते समेत अन्य भत्ते का लाभ मिलता है.

2009 में, सरकार ने NPS के दायरे को बढ़ाकर सभी नागरिकों को शामिल कर दिया, जिसमें स्व-नियोजित और असंगठित श्रमिक शामिल हैं. यह पेंशन योजना नागरिकों को 60 वर्ष की आयु तक मासिक राशि का योगदान करने और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त करने की अनुमति देती है.