JNU News: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शुक्रवार को छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने अचानक उग्र रूप ले लिया, जब सेंट्रल लाइब्रेरी (Central Library) में हाल ही में लगाए गए फेशियल रिकॉग्निशन एक्सेस सिस्टम में से एक को छात्रों ने खींचकर जमीन पर गिरा दिया और उसे नुकसान पहुंचाया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ छात्र नए लगाए गए एक्सेस डिवाइस को उसकी जगह से उखाड़ रहे हैं.
इस दौरान डिवाइस के हिस्से टूटकर बिखर जाते हैं. इस घटना का वीडियो (Video) सोशल मीडिया X पर @ABPNews नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:JNU Vice Chancellor Title: जेएनयू में ‘कुलपति’ टाइटल में बदलाब, अब ‘कुलगुरु’ नाम से जाने जाएंगे वाइस चांसलर
जेएनयू, की सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों ने किया प्रदर्शन
JNU की डॉ. बी.आर. आंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों ने फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को उखाड़कर फेंक दिया. छात्रों का आरोप है कि यह उनकी निजता का उल्लंघन है.#JNU #DelhiNews #ABPNews pic.twitter.com/RFDi8Chflz
— ABP News (@ABPNews) November 23, 2025
जेएनयूएसयू ने किया विरोध
यह विरोध जेएनयू (JNU) स्टूडेंट्स यूनियन (JNUSU) द्वारा आयोजित किया गया था, जो पिछले कई महीनों से इस फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का विरोध कर रहा है.यूनियन का कहना है कि फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम को तुरंत रोका जाए,यह 'निगरानी थोपने की तानाशाही कवायद है.छात्रों पर इस सिस्टम के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का दबाव बनाया जा रहा है.प्रदर्शन से पहले जारी बयान में (JNUSU) ने आरोप लगाया कि प्रशासन से बार-बार संवाद की कोशिशों के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला.अगस्त में भी जब इस सिस्टम को लागू करने की कोशिश हुई थी, तब काफी हंगामा हुआ था, जिसके बाद कुछ छात्रों, जिनमें उस समय के JNUSU अध्यक्ष भी शामिल थे, के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी. यूनियन का कहना है कि प्रशासन ने छात्र प्रतिनिधियों वाली समिति बनाने का वादा भी पूरा नहीं किया.
प्रशासन का बयान
विश्वविद्यालय प्रशासन पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि फेशियल रिकॉग्निशन (Facial Recognition) आधारित एंट्री सिस्टम का उद्देश्य लाइब्रेरी में होने वाले अनधिकृत प्रवेश को रोकना है.
सोमवार को होगी बैठक
इस संबंध में सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है. एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार पूरे मामले की रिपोर्ट जेएनयू कुलगुरु और प्रॉक्टर को सौंप दी गई है.












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