नई दिल्ली: बेशक मोदी सरकार (Modi Government) ने आंतकवाद का मुंहतोड़ जवाब देकर और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370(Article 370) हटाकर देश की जनता का दिल जीता है, लेकिन आर्थिक मोर्चे (Economic Slowdown) पर मोदी सरकार विफल होती नजर आ रही है. शुक्रवार को जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैकों को विलय करने का ऐलान किया तो वहीं दूसरी तरफ जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) पिछले साढ़े छह साल के सबसे निचले स्तर पर आ पहुंची है. बता दें कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी थी, जो इस साल घटकर 5 फीसदी पर आ गई है. हालांकि पिछली कई तिमाहियों से अर्थव्यवस्था में लगातार आ रही गिरावट के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (Krishnamurthy Subramanian) केंद्र सरकार की नीतियों का बचाव करते नजर आए.
आर्थिक मोर्चे पर विफल होती केंद्र सरकार के बचाव में सुब्रमण्यन ने कहा कि आर्थिक सुस्ती के बावजूद 5 फीसदी ग्रोथ रेट बुरा नहीं है. केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई उपाय कर रही है और वित्त मंत्री ने आर्थिक विकास दर में रफ्तार लाने के लिए हाल ही में कई ऐलान भी किए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को सुधारने और 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को पाने के लिए सजग है.
ज्ञात हो कि भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट में पिछली कई तिमाहियों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. साल 2017-18 की आखिरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 8.1 फीसदी थी, लेकिन साल 2019-20 की पहली तिमाही में यह घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई है. बात करें पिछले साल की यानी वित्त वर्ष 2018-19 की तो पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी दर्ज की गई थी. जीडीपी ग्रोथ रेट में लगातार आ रही सुस्ती ने उसे साढे छह साल के सबसे निचले स्तर पर ला दिया है. यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने इन 10 बैंकों के मर्जर का किया ऐलान, अब देशभर में 27 के बदले होंगे सिर्फ 12 सरकारी बैंक
देश के ऑटोमोबाइल समेत दूसरे कई सेक्टर्स में लगातार सुस्ती का दौर देखने को मिल रहा है. खासकर ऑटो सेक्टर में उत्पादन और बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. इन सेक्टरों में काम करने वाले लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर की तरह ही एफएमसीजी और टेक्सटाइल सेक्टर भी सुस्ती के दौर से गुजर रहे हैं.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय की घोषणा की है. इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक, कैनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर 4 बैंक बनाए जाएंगे. उन्होंने बैंको के विलय के बाद मौजूदा आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई है.