तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने पिछले साल वायनाड में हुए भूस्खलन में लापता हुए लोगों को "मृत" घोषित करने का निर्णय लिया है. इससे उनके परिवारों को मुआवजा मिलने में मदद मिलेगी. यह निर्णय उन परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो अभी तक अपने प्रियजनों के लापता होने के कारण परेशान थे.
सरकार द्वारा मंगलवार को जारी एक आदेश के मुताबिक, स्थानीय, जिला और राज्य स्तर की समितियां बनाई जाएंगी. इन समितियों में राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे, जो लापता लोगों की सूची का परीक्षण करेंगे.
स्थानीय स्तर पर बनाई गई समिति में पंचायत सचिव, ग्राम अधिकारी और संबंधित पुलिस थाने के स्टेशन हाउस अधिकारी शामिल होंगे. यह समिति लापता लोगों की सूची तैयार करेगी और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) को जांच के लिए भेजेगी.
DDMA सूची की जांच करेगा और अपनी सिफारिशों के साथ राज्य स्तर की समिति को भेजेगा. राज्य स्तर की समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और राजस्व एवं स्थानीय स्वशासन के प्रमुख सचिव शामिल होंगे. यह समिति सूची की जांच करके सरकार को भेजेगी, जिसके बाद सरकार लापता लोगों को मृत घोषित कर मुआवजे की राशि उनके परिवारों को प्रदान करेगी.
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 30 जुलाई को हुए भूस्खलन में 263 लोग मारे गए थे और 35 लोग लापता हो गए थे. आदेश में कहा गया है कि स्थानीय समिति को संबंधित पुलिस थानों में दर्ज की गई FIR की विस्तृत जांच करनी होगी.
तहसीलदार या उप-मंडल मजिस्ट्रेट को लापता व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जांच करनी होगी, और इसके परिणाम सरकारी वेबसाइट और गजट में प्रकाशित किए जाएंगे. इसके बाद, परिवारों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए 30 दिनों का समय दिया जाएगा. इसके बाद लापता लोगों की सूची प्रकाशित कर दी जाएगी और उनके रिश्तेदारों को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे.
यह कदम परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रहा है, और उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा मिल सकेगा.