बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की पूरा डिटेल: पंजाब जेल में बिश्नोई गैंग के संपर्क में आए थे तीनों आरोपी, कुर्ला में लिया किराए का मकान; हत्या के लिए दिए गए थे 2.5 लाख

Baba Siddique Murder Case: जब मुंबई की गलियों में रात का सन्नाटा छा जाता है, तब कुछ असामान्य घटनाएं घटित होती हैं. यह रात भी कुछ वैसी ही थी, जब एक एनसीपी नेता की हत्या ने शहर में हलचल मचा दी. बाबा सिद्दीकी, जो हमेशा से अपनी राजनीतिक गतिविधियों के लिए जाने जाते थे, अचानक एक कातिलाना हमले का शिकार हो गए. इस हत्याकांड ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता में भी आतंक पैदा कर दिया है.

क्राइम ब्रांच की गिरफ्तारी 

मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस खौफनाक हत्या के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरियाणा के गुरमेल बलजीत सिंह और पूर्वी उत्तर प्रदेश के धर्मराज राजेश कश्यप के रूप में हुई है. इस घटना ने मुंबई के लोगों को हिला कर रख दिया, क्योंकि हत्या की यह घटना केवल एक नेता की नहीं, बल्कि मुंबई की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल था.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कनेक्शन 

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, यह बात सामने आई कि दोनों शूटरों का संबंध लॉरेंस बिश्नोई गैंग से था. पूछताछ में उन्होंने इस गैंग के साथ अपने संबंध की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि वे मुंबई में हत्या करने से पहले 25 से 30 दिन तक यहां रह रहे थे. उनकी सुरक्षा की पूरी व्यवस्था एक साजिशकर्ता ने की थी, जिसकी पहचान अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगी है.

हत्याकांड की साजिश 

बाबा सिद्दीकी के आवास और कार्यालय पर की गई निगरानी ने हत्याकांड की साजिश को और भी पेचीदा बना दिया. आरोपियों ने करीब 25 दिन तक उनकी गतिविधियों पर नजर रखी. उनका उद्देश्य था एक सुनियोजित तरीके से हमला करना और फौरन वहां से भाग जाना. गवाहों ने बताया कि आरोपियों ने घटनास्थल पर लंबा समय बिताया, जो इस बात का सबूत है कि यह हत्या की योजना पहले से बनाई गई थी.

गिरफ्तारी से पहले की गई तैयारी 

गिरफ्तारी से पहले आरोपियों ने अपने चेहरे को कपड़े से ढक रखा था ताकि उनकी पहचान छिपी रहे. लेकिन, उनकी योजना तब विफल हो गई जब स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. यह घटना एक बड़े साजिश का हिस्सा थी जिसमें एक और व्यक्ति शामिल होने का संदेह है. पुलिस को शक है कि एक चौथा आरोपी भी था, जो शूटरों को महत्वपूर्ण जानकारी दे रहा था.

हथियारों का सौदा 

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि हत्या में इस्तेमाल होने वाले हथियार को कुछ दिन पहले ही एक आर्म्स डीलर के माध्यम से आरोपियों को सौंपा गया था. यह हथियार एक कुरियर एजेंट के जरिए पहुंचाया गया था. यह स्पष्ट है कि इस हत्या की साजिश बहुत ही योजनाबद्ध और जटिल थी, जहां पहले से ही हर चीज की व्यवस्था की गई थी.

किराए के घर की कहानी 

आरोपियों ने 2 सितंबर से कुर्ला, मुंबई में एक किराए के घर में रहना शुरू किया था. इस घर का किराया 14,000 रुपये प्रति माह था. हत्या के लिए चार लोगों ने मिलकर एक अनुबंध किया था, जिसमें तय किया गया था कि कुल रकम 2.5 से 3 लाख रुपये होगी.

सलमान खान से संबंध 

इसी बीच, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नेताओं ने बाबा सिद्दीकी की हत्या को सलमान खान के समर्थन से जोड़ा है. बिश्नोई गैंग का मानना है कि सिद्दीकी के सलमान खान के साथ करीबी संबंधों के कारण यह हत्या की गई. हालांकि, जांचकर्ताओं ने सिद्धिकी और बिश्नोई गैंग के बीच किसी सीधा संबंध नहीं पाया है जो इस हत्या को सही ठहरा सके.

सुरक्षा के उपाय 

इस घटना के बाद, बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा को और मजबूत किया गया. उन्हें जुलाई में एक धमकी भरा फोन आया था, जिसके बाद उनकी सुरक्षा को बढ़ाया गया था. अब सुरक्षा व्यवस्था को दो गुना कर दिया गया है.

क्या है असली वजह? 

इस खौफनाक हत्या के पीछे असली कारण क्या है? क्या यह केवल एक राजनीतिक प्रतिशोध था, या इसके पीछे कुछ और गंभीर कारण थे? इस पर अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है.

एक बड़ा रहस्य 

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने मुंबई के राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है. क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने जांच के दौरान कई सुराग जुटाए हैं, लेकिन असली साजिशकर्ता अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं. जबकि एक तरफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है, दूसरी तरफ यह मामला मुंबई के अन्य गैंग्स और उनकी गतिविधियों को भी उजागर कर सकता है.

शहर का माहौल 

मुंबई की इस हत्या ने लोगों के दिलों में डर पैदा कर दिया है. आम जनता, जो हमेशा से इस शहर की सुरक्षा पर विश्वास करती थी, अब असुरक्षित महसूस कर रही है.

क्या होगा आगे? 

इस मामले में अभी कई सवालों के जवाब बाकी हैं. क्या पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पाएगी? क्या लॉरेंस बिश्नोई गैंग के और भी सदस्य इस हत्या से जुड़े होंगे? या फिर यह एक और राजनीतिक ड्रामा है?

बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला मुंबई के लोगों के लिए एक चेतावनी है. यह घटना न केवल राजनीतिक जगत को हिला कर रख देगी, बल्कि यह मुंबई के सुरक्षा तंत्र की भी परीक्षा लेगी. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, हो सकता है और भी राज खुलें, जो इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में मदद करेंगे.