EPFO Auto-Settlement Limit: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने ऑटो-सेटलमेंट एडवांस क्लेम (ASAC) की लिमिट को पांच गुना बढ़ाने का ऐलान किया है, जिसे अब 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. इसका उद्देश्य ईपीएफओ के 7.5 करोड़ सदस्यों की आर्थिक जरुरत को आसानी से पूरा करना है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्रस्ताव को श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता दवरा ने 28 मार्च को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की 113वीं बैठक में मंजूरी दी है. सुमिता दवरा ने एक बयान में कहा है, की ‘यह संशोधन हमारे सदस्यों के जीवन को और भी सरल बनाएगा.’ इस मंजूरी के बाद, यह सिफारिश CBT से अंतिम मंजूरी के लिए भेजी जाएगी. एक बार मंजूरी मिलने पर, EPFO के सदस्य अब ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया के माध्यम से 5 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे.
ऑटो-सेटलमेंट क्लेम प्रक्रिया
EPFO की ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है. 6 मार्च 2025 तक, इस प्रणाली ने रिकॉर्ड 2.16 करोड़ क्लेमों का निपटारा किया, जबकि पिछले साल यह संख्या सिर्फ 89.52 लाख थी. यह सिस्टम की बढ़ती प्रभावशीलता को दर्शाता है, जिसमें अब 95% क्लेम तीन दिन के भीतर स्वचालित रूप से निपटाए जा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति ने कहा है, की ‘ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया ने क्लेम सेटलमेंट को बहुत सरल बना दिया है, जिससे समय और मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता कम हो गई है.’
रमेश कृष्णमूर्ति ने यह भी कहा है, की ‘हम प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और स्वचालित क्लेम की बढ़ती संख्या के साथ, हमारा लक्ष्य सभी सदस्यों के लिए PF फंड तक पहुंच को आसान बनाना है.’
इसके अलावा, EPFO ने अब उन श्रेणियों का विस्तार किया है, जिनके लिए एडवांस क्लेम ऑटोमेटिकली सेटल किए जा सकते हैं, जैसे- बीमारी, शिक्षा, विवाह, आवास, और अन्य. सिस्टम में किए गए सुधारों के कारण, क्लेम के अस्वीकृति दर में भी कमी आई है, जो पिछले साल 50% थी, जो अब घटकर 30% हो गई है.
UPI से PF निकासी
एक और महत्वपूर्ण कदम के तहत, EPFO जल्द ही PF निकासी के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और ATMs की सुविधा शुरू करने जा रहा है. श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस योजना को मंजूरी दे दी है, और सदस्य मई या जून 2025 तक UPI और ATMs के माध्यम से अपने PF फंड तक आसानी से पहुंच सकेंगे.
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सूत्रों के अनुसार सचिव सुमिता दवरा ने कहा है, की ‘यह नया सिस्टम सदस्यों के लिए उनके PF बचत को तुरंत UPI और ATMs के जरिए एक्सेस करना और भी आसान बना देगा.’ यह एक क्रांतिकारी कदम होगा, जो अन्य सरकारी बचत योजनाओं जैसे जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के लिए भी एक मिसाल बन सकेगा.
ऑटो-सेटलमेंट की सफलता
EPFO की ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया ने अब क्लेम सेटलमेंट टाइम को काफी घटा दिया है. पहले जहां क्लेम प्रोसेसिंग में कई हफ्ते लगते थे, वहीं अब यह सिर्फ तीन दिन में पूरा हो जाता है. इससे EPFO की क्लेम सेटलमेंट संख्या इस साल पहली बार 6 करोड़ के पार जाने का अनुमान लगा रही है.
अब, EPFO के पास 3 तरह के क्लेम प्रोसेस होते हैं:
- 8% ट्रांसफर क्लेम को सदस्य और नियोक्ता दोनों की मंजूरी की जरूरत होती है.
- 48% क्लेम को सीधे सदस्य द्वारा सबमिट किया जाता है.
- 44% क्लेम स्वचालित रूप से (ऑटोमेटिक) प्रोसेस किए जाते हैं.
EPFO ने अपनी प्रक्रिया को भी आसान और कम कर दिया है. पहले जहां क्लेम प्रक्रिया के लिए 27 कदम होते थे, अब वह घटाकर सिर्फ 18 कर दिए गए हैं, और भविष्य में इसे 6 कदमों में पूरा किया जाएगा. इससे EPFO के सदस्य के लिए क्लेम प्रोसेसिंग और भी तेज और सुविधाजनक हो गई है.













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