भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र में मिला नोबेल पुरस्कार, कांग्रेस के 'NYAY Scheme' में था बड़ा योगदान
अभिजीत बनर्जी (Photo Credits: Twitter)

स्टॉकहोम: भारतीय  मूल के अमेरिकी  निवासी अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) को वर्ष 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार फ्रांस की एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार ‘वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए किये गये कार्यों के लिये दिया गया. नोबेल समिति के सोमवार को जारी एक बयान में इन तीनों हस्तियों को 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई. बता दें कि कांग्रेस पार्टी न्याय योजना’ (NYAY Scheme) के लिए अभिजीत बनर्जी से सलाह ले चुकी हैं.

कांग्रेस पार्टी 2019  के लोकसभा चुनाव में जीत के लिए  अपने प्रमुख चुनावी वादे में  "न्याय योजना'(NYAY Scheme) ना से एक स्कीम की घोषणा की थी. जिस स्कीम के लिए राहुल गांधी ने अभिजीत  बनर्जी समेत दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों से राय ली थी. इसके तहत तब कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने वादा किया था कि हर गरीब के खाते में साल में 72 हजार रुपए डाले जाएंगे, यानि 6 हजार रुपए/महीना.योजना गरीबों को मिनिमम इनकम की गारंटी देगी. यह भी पढ़े: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? बीजेपी नेता ने किया नामित

बता दें कि अभिजीत बनर्जी, 58 वर्ष हैं. वे कलकत्ता विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की. इसके बाद 1988 में उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की. वर्तमान में वह मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसर हैं. (इनपुट भाषा)