सुपरमार्केट के नीचे रोमन साम्राज्य का रक्षा टावर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

फ्रांस के व्यस्त बाजार में सुपरमार्केट के नीचे रोमन साम्राज्य का रक्षा टावर होगा इसका अनुमान शायद ही किसी को रहा होगा. तीसरी सदी में बना यह रक्षा टावर स्ट्रासबुर्ग शहर में है.एक प्राचीन अर्धचंद्राकार आकृति जर्मेनिक भीलों के समुदाय बार्बेरियन लोगों से रक्षा के लिए की गई किलेबंदी का हिस्सा थी. अब एक सुपरमार्केट की बेसमेंट का हिस्सा बन चुके इस टावर में सीढ़िया, गत्ते के बॉक्स और इसी तरह की दूसरी चीजें रखी जाती हैं. पूर्वी फ्रांस के शहर स्ट्रासबुर्ग में यह सैलानियों के पसंदीदा इलाके में मौजूद है.

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लोग नहीं जानते टावर के बारे में

जमीन के ऊपर खड़े किसी शख्स को यह अंदाजा नहीं हो सकता कि वह रोमन दौर के किसी ढांचे पर खड़ा है. यहां के दुकान मालिकों को भी डर है कि अगर यह बात सबको पता चल गई तो इतनी भीड़ जमा होगी कि उनके लिए कारोबार मुश्किल हो जाएगा.

स्टोर मैनेजर ग्वेंडल ले गोरिरिच ने कहा, "सुरक्षा कारणों से इस टावर को लोगों को दिखाना मुश्किल होगा. हालांकि जो इसे देखना चाहते हैं उनमें से किसी को भी मैंने ना नहीं कहा." स्ट्रासबुर्ग के आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम के क्यूरेटर क्वेंटिन रिचर्ड ने बताया कि इसे दिखाने के लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं है.

स्टोर के सुदूर कोने पर एक दरवाजा है जिस पर लिखा है, "सिर्फ स्टाफ" के लिए. इसके बाद एक पत्थरों की सीढ़ी है जिसे उतर कर आप 1,700 साल पुराने इस प्राचीन टावर तक पहुंच जाते हैं. ले गोरिरिच ने बताया, "हम रोजाना वहां से गुजरते हैं. यह एक असाधारण अनुभव है."

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1906 में ही पता चल गया था टावर का

रीजनल आर्कियोलॉजिक सर्विस के माक्सिम वेर्ले ने बताया कि टावर अब महज 3.5 मीटर नीचे ही मौजूद है. वास्तव में यह इससे तीन गुना ज्यादा ऊंचाई का था. यह करीब 50 एकड़ में फैले रोमन सेना के एक शिविर का हिस्सा था. अब इसका ज्यादातर हिस्सा स्ट्रासबुर्ग के शहर में है और यहां सेना से जुड़े करीब 6,000 लोग रहते हैं.

स्ट्रासबुर्ग की भौगोलिक स्थिति ने उसे रोमन साम्राज्य की सीमा बना दिया था. इसे तब उसके लैटिन नाम "लिमेस" से जाना जाता था. पास से बहती राइन नदी बार्बेरियनों से प्राकृतिक सुरक्षा देती थी. उस वक्त रोमन साम्राज्य विदेशी हमलों, गृह युद्धों और आर्थिक समस्याओं के कारण अत्यधिक दबाव झेल रहा था.

1906 में एक ब्रुअरी के निर्माण के दौरान इस टावर का पता चला था. 1920 के दशक में इसे ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया. वेर्ले बताते हैं कि भले ही यह जगह अब एक निजी कंपनी की मिल्कियत है लेकिन, "उसे इसे तोड़ने या नुकसान पहुंचाने की मनाही" है. स्ट्रासबुर्ग में रोमन शिविर की और भी इमारतें हैं जिन्हें आम लोगों की पहुंच से दूर रखा गया है और वो सुपरमार्केट में मौजूद इस टावर से कम आकर्षक हैं.

एनआर/वीके (एएफपी)