
Microsoft Teams Hacking: रूस के साइबर अपराधी अब ब्रिटेन के कंप्यूटरों में घुसपैठ करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट टीम्स का दुरुपयोग कर रहे हैं. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, यह अपराधी पहले 1 घंटे में 3,000 स्पैम संदेश भेजते हैं और फिर यूज़र से संपर्क करके उन्हें "टेक सपोर्ट" का झांसा देते हैं. जैसे ही वे सिस्टम में प्रवेश कर लेते हैं, वे मालिशियस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करते हैं और डेटा चुराते हैं.
ब्रिटेन स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी सोफोस ने खुलासा किया कि टीम्स की डिफॉल्ट सेटिंग्स "किसी बाहरी व्यक्ति को किसी कंपनी के अंदर के कर्मचारियों से चैट करने या कॉल करने की अनुमति देती हैं," जो इन हमलावरों को इस फीचर का दुरुपयोग करने का मौका देती है.
सोफोस के प्रमुख शोधकर्ता शॉन गैलाघर ने कहा, "क्योंकि कई कंपनियाँ आईटी सपोर्ट के लिए मैनज्ड सर्विस प्रोवाइडर्स का उपयोग करती हैं, ऐसे में 'हेल्प डेस्क मैनेजर' नामक अनजान व्यक्ति से एक टीम्स कॉल मिलने पर किसी को भी संदेह नहीं हो सकता."
ब्रिटेन में इस समय फिन7 और स्टॉर्म-1811 जैसे रूसी साइबर गैंग्स एक सक्रिय अभियान चला रहे हैं, जो ब्रिटिश व्यवसायों को निशाना बना रहे हैं. इस खतरे के बीच ब्रिटिश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है, जिसमें रैनसमवेयर भुगतान पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई गई है.
ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र (NCSC) के प्रमुख रिचर्ड होर्न ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि रूस ब्रिटेन की तकनीकी निर्भरता का फायदा उठा रहा है और साइबर हमलों की आवृत्ति और जटिलता में वृद्धि हो रही है.
इस बढ़ते साइबर अपराध के बावजूद, होर्न ने यह भी कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा खतरे को "काफी हद तक नजरअंदाज" किया जा रहा है. ब्रिटेन में साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्कता बनाए रखना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.