
Mumbai Digital Arrest Case: मुंबई की साउथ साइबर पुलिस ने एक 86 वर्षीय बुजुर्ग महिला से 20.25 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर महिला को डराया और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज करने की धमकी दी. इतना ही नहीं, उन्होंने डिजिटल रूप से महिला को घर में ही ‘गिरफ्तार’ करने का दावा किया, ताकि वह पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर हो जाएं. आरोपियों की पहचान शायन जमील शेख (20) और राजिक आजम बट (20) के रूप में हुई है.
पुलिस के मुताबिक, शायन मलाड (वेस्ट) का रहने वाला है, जबकि राजिक मीरा रोड (ईस्ट) का निवासी है. पुलिस जांच में पता चला है कि राजिक एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ठगी गिरोह से जुड़ा हुआ है. उसने टेलीग्राम ऐप पर 13 विदेशी नागरिकों का एक ग्रुप बना रखा था, जिसमें भारतीय बैंक खातों की जानकारी साझा की जाती थी.
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कैसे हुई 20 करोड़ की ठगी?
यह ठगी 26 दिसंबर 2024 से 3 मार्च 2025 के बीच हुई. आरोपियों ने बुजुर्ग महिला को फोन कर बताया कि उनके आधार कार्ड (Aadhar Card) और अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल कर भारतीय बैंक में एक खाता खोला गया है. उन्होंने दावा किया कि इस खाते का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. डराने के लिए आरोपियों ने महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने तक की धमकी दे डाली और उनके परिवार पर भी केस दर्ज कराने की बात कही.
घबराई महिला ने 20.25 करोड़ रुपये उनके बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए. लेकिन जब उन्हें शक हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है, तो उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म पर शिकायत दर्ज करवाई और फिर मुंबई पुलिस के साउथ साइबर पुलिस स्टेशन पहुंचीं.
कैसे पकड़े गए आरोपी?
जांच में पुलिस को पता चला कि ठगी के पैसे कई खातों में ट्रांसफर किए गए थे, जिनमें से एक खाता शायन जमील शेख का था. उसके खाते में 4.99 लाख रुपये जमा किए गए थे. पुलिस ने पहले शायन की तलाश की और उसे मलाड के मालवणी इलाके से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में शायन ने बताया कि उसने यह पैसा रयान अरशद शेख को दिया था, जिसने इसे आगे राजिक आजम बट तक पहुंचाया.
इसके बाद पुलिस ने मीरा रोड के सौभाग्य पार्क हाउसिंग सोसाइटी में छापा मारा, जहां राजिक और रयान छिपे हुए थे. पुलिस को देखते ही दोनों भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने राजिक को मौके पर ही पकड़ लिया, जबकि रयान फरार हो गया.
अंतरराष्ट्रीय ठगी गिरोह का पर्दाफाश
पुलिस को जब्त किए गए मोबाइल फोन से राजिक के अंतरराष्ट्रीय ठगी नेटवर्क में शामिल होने के सबूत मिले. जांच में खुलासा हुआ कि राजिक ने टेलीग्राम ऐप पर विदेशी नागरिकों का एक ग्रुप बना रखा था, जिसमें वह भारतीय बैंक खातों की जानकारी साझा करता था. इसी नेटवर्क के जरिए रुपये विदेश भेजे जा रहे थे.
फिलहाल, पुलिस फरार आरोपी रयान और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है. साथ ही, इस बड़े साइबर ठगी रैकेट से जुड़े विदेशी मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.