Gold Demand Increased in Asia: मई 2024 में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास होने के बावजूद एशिया में इसकी मांग बढ़ती रही. न्यूज एजेंसी राइटर्स के मुताबिक, सोने की मांग बढ़ने की बड़ी वजह यह रही कि खरीदार भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता से बचने के लिए इस धातु को खरीद रहे हैं. मौजूदा वक्त में सोना 2,300 डॉलर प्रति औंस से थोड़ा अधिक पर कारोबार कर रहा है. यह इस वर्ष अब तक लगभग 12% अधिक है और पिछले महीने के रिकॉर्ड उच्च स्तर से केवल 6% कम है.
विश्लेषकों का कहना है कि रियल एस्टेट और इक्विटी जैसे अन्य निवेश विकल्पों में कम विश्वास भी सोने की बढ़ती मांग के पीछे का एक प्रमुख कारण है.
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सोने में निवेश पर अधिक भरोसा जता रहे निवेशक
लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूथ क्रोवेल का मानना है कि जब वृहद आर्थिक परिदृश्य सामान्य हो जाएगा. जब रियल एस्टेट और इक्विटी अधिक दिलचस्प हो जाएंगे. तो सोने के मूल्य में संवेदनशीलता वापस आ सकती है. जापान बुलियन मार्केट एसोसिएशन के मुख्य निदेशक ब्रूस इकेमिजू के अनुसार, जापान में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के बावजूद, इसमें मंदी की तुलना में तेजी के रुझान अधिक हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रा अवमूल्यन और रियल एस्टेट में लंबे समय से जारी मंदी व व्यापार तनाव से जूझ रहे चीनी निवेशक भी सोने में निवेश कर रहे हैं. इस साल की पहली तिमाही में चीन में सोने के सिक्कों और बार की खरीद में 27% की वृद्धि हुई है.
सोने के खरीद में क्यों बढ़ रही लोगों की दिलचस्पी?
वैश्विक स्तर पर सोने की बढ़ती कीमतों को लेकर सिंगापुर बुलियन मार्केट एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अल्बर्ट चेंग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बाजार में चलन यह रहा है कि अगर उपभोक्ता सोना खरीदना चाहता है, तो वह खरीदेगा. उसके लिए कीमत कोई मायने नहीं रखती है. एशिया के अन्य भागों में, खुदरा निवेशक इस सुरक्षित परिसंपत्ति में पैसा लगा रहे हैं और युवा खरीदारों के बीच इस धातु की स्वीकार्यता बढ़ रही है.
भारत के सोने के आयात में आ सकती है गिरावट
वहीं, भारतीय सोने की कीमतें की बात करें तो यह लगातार पांच सप्ताह से अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की तुलना में कम पर कारोबार कर रही हैं. जो दूसरे सबसे बड़े सर्राफा उपभोक्ता की कमजोर मांग को दर्शाता है. मई में पर्थ मिंट की स्वर्ण उत्पाद बिक्री में मासिक आधार पर 30% की गिरावट आई है. साल 2024 में भारत के सोने के आयात में लगभग पांचवें हिस्से की गिरावट आने की उम्मीद है, क्योंकि रिकॉर्ड उच्च कीमतों ने खुदरा उपभोक्ताओं को नए आभूषण खरीदने के बजाय पुराने आभूषणों के बदले नए आभूषण खरीदने के लिए प्रेरित किया है.