Posting Intimate Pics and Videos Online: बिना सहमति के सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो और VIDEO पोस्ट करना अपराध: दिल्ली HC
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Flickr)

HC On Posting Intimate Pics and Videos Online: एक मामले पर सुनवाई करते  हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएसएलएसए से कहा कि 'सहमति के बिना सोशल मीडिया पर अंतरंग तस्वीरें/वीडियो पोस्ट करना अपराध है, किशोरों को शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम तैयार करें.'

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने यह कहते हुए आदेश पारित किया कि ऐसे कई मामले हैं जहां पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि उनका यौन शोषण किया गया क्योंकि उनके साथी ने उनके रिश्ते के अनुचित वीडियो या तस्वीरें बनाईं और फिर उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दी. POSCO केस पर बोला हाईकोर्ट- सहमति से बना था रिश्ता, साबित नहीं हुआ की लड़की थी नाबालिग, पॉक्सो का दोषी बरी

“इसलिए, बिना सहमति या किसी प्रलोभन के यौन उत्पीड़न के मामलों में, अनुचित वीडियो और तस्वीरें खींची जाती हैं, जिनका उपयोग पीड़ितों को ब्लैकमेल करने और यौन शोषण जारी रखने के लिए लंबे समय तक किया जाता है. यहां तक ​​कि कई बार, इस अदालत ने ऐसे मामले देखे हैं जहां युवा लड़कों का यौन शोषण किया गया है, उन पर हमला किया गया है और वे इस तरह के ब्लैकमेलिंग के शिकार हुए हैं.”

क्या है मामला

बताया गया कि आरोपी तीन साल पहले एक नाबालिग लड़की से मिला और दोस्ती कर ली. जनवरी-फरवरी 2021 में अहमद ने कथित तौर पर लड़की को अपने घर बुलाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. उसने अश्ली वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दी.

आरोप है कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद धर्म परिवर्तन कर उस पर शादी करने का दबाव बनाया गया. वहीं अहमद के वकील ने तर्क दिया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया था और रिश्ता सहमति से बना था.

मामले पर विचार करने के बाद, न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि आवेदक ने शादी करने के बहाने न केवल उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और ऐसा करता रहा, बल्कि उसने उसकी वीडियोग्राफी भी की.

न्यायालय ने कहा कि यह सहमति से किशोर के आपसी प्रेम का मामला नहीं है क्योंकि ऐसा होता तो, "इसमें गाली देने, ब्लैकमेल करने, प्रलोभन देने, धमकी देने, हिंसा करने, दबाव डालने और धमकी देने का कोई स्थान नहीं होता.