One Nation One Election: लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि सरकार "वन नेशन, वन इलेक्शन" (एक राष्ट्र, एक चुनाव) बिल को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी - JPC) को भेजने के लिए तैयार है. यह सिफारिश स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. अमित शाह ने कहा, "जब वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर चर्चा कैबिनेट में हुई, तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाना चाहिए ताकि हर स्तर पर इस पर विस्तृत चर्चा हो सके."
लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार (17 दिसंबर 2024) को एक देश एक चुनाव विधेयक पेश किया, जिसका विपक्ष ने जमकर विरोध किया. संसद में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से हुई वोटिंग में 269 वोट सरकार के पक्ष में पड़े तो 198 वोट सरकार के खिलाफ पड़े.
क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन?
"वन नेशन, वन इलेक्शन" का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है. इसके जरिए प्रशासनिक खर्च और समय की बचत के साथ-साथ चुनावी प्रक्रियाओं को सरल बनाना लक्ष्य है. इस योजना के तहत पूरे देश में एक साथ चुनाव होंगे, जिससे हर कुछ महीनों में चुनाव कराने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी.
बिल पर लोकसभा में बहस
मंगलवार को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने "संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024" और "केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024" को लोकसभा में पेश किया. ये विधेयक एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया को सक्षम बनाने के लिए लाए गए हैं. विधेयकों को लेकर लोकसभा में जोरदार बहस हुई. 269 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट दिया, जबकि 198 सांसदों ने इसका विरोध किया.
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
इस विधेयक ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच एक नई बहस छेड़ दी है. विपक्षी नेताओं ने इसे संविधान की बुनियादी संरचना के खिलाफ बताया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक भारत के संघीय ढांचे और विविधता को खतरे में डालता है. सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने इसे "तानाशाही" थोपने का प्रयास बताया. उन्होंने कहा, "यह भारत की विविधता और संघीय प्रणाली को समाप्त कर देगा."
एनसीपी (शरद पवार गुट), तृणमूल कांग्रेस और डीएमके ने भी बिल का कड़ा विरोध किया. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "इस विधेयक पर आपत्तियां केवल राजनीतिक हैं."
कई पार्टियां कर रही समर्थन
"वन नेशन, वन इलेक्शन" बिल को लेकर देश की 32 पार्टियां इसका समर्थन कर रही हैं, जबकि 15 पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. बीजेपी और सहयोगी दल बिल के पक्ष में हैं और इसे चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए आवश्यक बता रहे हैं.
कांग्रेस, सपा, शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दल इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संघीय ढांचे के लिए खतरा मान रहे हैं. वाईएसआर कांग्रेस जैसे कुछ दल जो पहले तटस्थ थे, अब बिल का समर्थन कर रहे हैं.