Delhi Air Pollution: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच GRAP 3 लागू करने का फैसला, इन गतिविधियों पर लगी पाबंदी
Air Pollution | PTI

नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता इस सप्ताह 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गई है. आज गुरुवार सुबह 14 नवंबर को दिल्ली का AQI 428 पर पहुंच गया. प्रदूषण से बढ़ते खतरे को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को 15 नवंबर से लागू करने का फैसला लिया है. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली और एनसीआर में बिगड़ते वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए तैयार किए गए उपायों का एक समूह है.

Air Pollution And Cancer: सिर और गले के कैंसर का कारण बन सकता है वायु प्रदूषण; रिसर्च में बड़ा खुलासा.

GRAP 3 क्या है?

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) वायु प्रदूषण की स्थिति को संभालने के लिए एक आपातकालीन योजना है. इसका उद्देश्य दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करना है. GRAP को चार चरणों में बांटा गया है:

  • स्टेज 1- 'खराब' (AQI 201-300)
  • स्टेज 2 - 'बहुत खराब' (AQI 301-400)
  • स्टेज 3 - 'गंभीर' (AQI 401-450)
  • स्टेज 4 - 'गंभीर प्लस' (AQI >450)

जब प्रदूषण 'गंभीर' स्तर तक पहुंचता है, तब GRAP 3 लागू होता है, जिसमें निर्माण कार्य, तोड़फोड़, और कुछ सार्वजनिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है.

GRAP 3 के तहत लगने वाले प्रतिबंध

  • निर्माण कार्यों पर रोक: सभी गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ के कार्य निलंबित कर दिए जाएंगे. केवल राष्ट्रीय महत्व के निर्माण कार्यों को छूट दी जाएगी.
  • डीजल वाहनों पर प्रतिबंध: एनसीआर से आने वाले गैर-इलेक्ट्रिक, गैर-CNG और गैर-BS VI डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी. केवल CNG, BS VI और इलेक्ट्रिक बसों को अनुमति दी जाएगी.
  • प्राथमिक स्कूल बंद: पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने और ऑनलाइन क्लासेस में बदलने का फैसला लिया जा सकता है.
  • सड़कों पर पानी का छिड़काव: प्रमुख सड़कों पर जल छिड़काव बढ़ाया जाएगा ताकि धूल के कारण उत्पन्न प्रदूषण को कम किया जा सके.

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर

सर्दियों के मौसम में दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. इसका मुख्य कारण ठंड के मौसम में हवा का रुक जाना और धुएं व धूल के कणों का निचले वायुमंडल में फंस जाना है. साथ ही, इस दौरान पराली जलाना, वाहन प्रदूषण, और निर्माण गतिविधियां भी प्रदूषण बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.