नयी दिल्ली, 12 अप्रैल: स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कोरोना वायरस के ‘XE’ स्वरूप के बारे में आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि यह ओमीक्रोन का एक और प्रकार है. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है. COVID-19: ओमिक्रॉन के XE वेरिएंट से बढ़ी टेंशन, विशेषज्ञों ने कहा- मास्क पहनना न छोड़ें.
स्वास्थ्य मंत्री ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जहां तक 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण की शुरुआत की बात है तो यह निर्णय विशेषज्ञों को करना है. उन्होंने प्रेस वार्ता में 2020 में महामारी के शुरू होने के बाद से इससे निपटने के लिए किये गये केंद्र सरकार के प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी.
हालांकि उन्होंने कहा कि बहुत कम देशों ने इस आयु समूह के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू किया है. कोविड टीके की एहतियाती खुराक की कीमत 225 रुपये करने के सरकार के फैसले के बारे में एक सवाल पर मांडविया ने कहा कि यह अधिकतम शुल्क है और भविष्य में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से यह और भी कम हो सकता है क्योंकि और भी टीका विनिर्माता बाजार में आएंगे.
सरकारी केंद्रों पर 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए बूस्टर खुराक निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन अन्य आयु समूह के लोगों को निजी अस्पतालों या केंद्रों में तीसरी खुराक लेनी होगी.
मांडविया ने कहा कि कोविड-19 के हालात नियंत्रण में हैं, वहीं सरकार इस पर लगातार नजर रख रही है और राज्यों को उसी हिसाब से सलाह दे रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है, इसलिए सभी को सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम कल का पूर्वानुमान नहीं लगा सकते.’’ वायरस का ‘एक्सई’ स्वरूप ओमीक्रोन के दो उप-स्वरूपों बीए.1 और बीए.2 का संयोजन या पुन: संयोजन है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की 97 प्रतिशत से अधिक पात्र जनसंख्या को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है और 85 प्रतिशत को दोनों खुराक लग चुकी हैं. उन्होंने कहा कि इससे ओमीक्रोन से आई तीसरी लहर की गंभीरता को कम करने में बहुत मदद मिली जिसने कई देशों में काफी असर डाला.
उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत संक्रमण की दर प्रति दस लाख लोगों में 31,383 मामलों तक सीमित करने में सफल रहा जबकि दुनियाभर में यह संख्या 63,458 थी. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने महामारी को लेकर सरकार के प्रयासों की आलोचना के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध महामारी के खिलाफ लड़ाई से बड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत ने मोदी के नेतृत्व में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम को लागू किया.
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