Coronavirus: लॉकडाउन को लेकर सख्त हुई मोदी सरकार, कहा- बॉर्डर पूरी तरह सील किए जाएं, प्रवासियों को 14 दिन क्वारंटीन में रखा जाए

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है. लेकिन इस बीच दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के बीच पैदल ही अपने घर के लिए निकल रहे हैं. शनिवार को दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर हजारों लोगों की भीड़ देखी गई. इसे देखते हुए केंद्र ने 29 मार्च को सभी राज्यों से अपने बॉर्डर सील करने को कहा है. सभी राज्यों को यह भी कहा गया है कि हाइवे पर भी किसी तरह का आवगमन नहीं होना चाहिए. जरूरत मंदों को खाना और आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही नोटिस में यह भी साफ तौर पर कहा गया कि जो लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर एक जगह से दूसरी जगह गए हैं. उनको कम से कम 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा जाए साथ ही इनपर निगरानी भी बनाए रखी जाए.

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि जो लोग भी कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते किए लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए एक जगह से दूसरी जगह गए हैं, उन्हें कम से कम 14 दिन के लिए आइसोलेट किया जाएगा. लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में एक जगह से दूसरी जगह गए हैं. सभी राज्यों सरकारों को सीमाएं सील रखने के लिए कहा गया है. यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार के साथ आए राहुल गांधी, पीएम मोदी को पत्र लिखकर दिए कोविड-19 से निपटने के सुझाव. 

लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए 29 मार्च को केंद्र सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से कहा कि लॉक डाउन का सख्ती से पालन किया जाए. सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी की तरफ से कहा गया है कि जरूरी वस्तुओं की सप्लाई फिलहाल सुनियोजित ढंग से आम जनता तक पहुंचाया जाए.

केंद्र ने कहा है कि राज्य और जिले के बॉर्डर पूरी तरह से सील किए जाएं, ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य में और एक जिले से दूसरे जिले में लोगों की मूवमेंट न हो पाए. केंद्र ने कहा है कि लॉकडाउन लागू कराना जिले के डीएम और एसपी की जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार ने कहा, देश के जिस भी कोने में मजदूर हो उनके खाने-पीने की उचित व्यवस्था स्थानीय प्रशासन कराएं, साथ ही प्रशासन यह भी सुनिश्चित करें कि मजदूरों पर उनके मकान मालिक किराया वसूलने का दबाव न डालें.