Coronavirus Impact: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. भारत में कोविड-19 (COVID-19) पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 285 हो गई है. यहां महामारी की तरह तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इस नए दिशा-निर्देश के अनुसार, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अब सभी निमोनिया (Pneumonia) के मरीजों को भी कोरोना वायरस की जांच करानी होगी. बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 मार्च 2020 को यह निर्देश जारी किया है, जिसका पालन 31 मार्च 2020 तक किया जाना अनिवार्य होगा.
इस निर्देश में कहा गया है कि निमोनिया से पीड़ित लोगों की जानकारी नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल या इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम में देनी होगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी अस्पतालों को यह निर्देश दिया है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का खास तौर पर ख्याल रखें.
वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) अपने प्रयोगशालाओं और देश के दूसरे अस्पतालों में आ रहे कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों पर नजर रखी जा रही है और प्रयोगशालाओं में टेस्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि कोरोना वायरस के प्रसार और तीव्रता का सटीक तौर पर अंदाजा लगाया जा सके. यहां देखें स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी अस्पताल को उनके पास पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन, मास्क, हैजमट, सूट, आईसीयू इत्यादि की व्यवस्था है या नहीं इसकी जांच करने के भी आदेश जारी किए हैं. इसके साथ यह भी कहा है कि इस नियम का सभी अस्पतालों को सख्ती से पालन करना होगा. यह भी पढ़ें: Coronavirus: सुपरमार्केट में भी COVID-19 से हो सकते हैं संक्रमित, जानें इससे बचने के उपाय
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति में सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. धीरे-धीरे यह निमोनिया में तब्दील हो जाता है, जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति के फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं. बता दें कि चीन के वुहान में भी कोरोना वायरस संक्रमण का पता चलने से पहले निमोनिया के ही मामले सामने आए थे. दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से फैला कोराना वायरस अब दुनिया के अधिकांश देशों में मौत का तांडव मचा रहा है.