देश में कोरोना (COVID-19) की रफ्तार कम होने से जहां एक और राहत मिल रही है वहीं दूसरी ओर कुछ राज्य ऐसे हैं जहां से सबसे ज्यादा केस आ रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि अगर लोगों ने इसी तरह से लापरवाही की तो एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है. ऐसे में मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad Medical College) नई दिल्ली के डॉ. नरेश गुप्ता (Naresh Gupta) ने कोरोना की देश में वर्तमान स्थिति और आने वाले शादी (Wedding) के सीजन और ठंड में कैसे लोगों को सावधानी रखनी है जैसे कई महत्वपूर्ण सलाह दी.
कोरोना की मौजूदा स्थिति को कैसे देखते हैं?
सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे देश में रिकवरी रेट बढ़ रहा है और मृत्यु दर भी काफी कम हो गई है. लेकिन ये महामारी खत्म नहीं हुई है. पूरे देश में केस कम हो रहे हैं, लेकिन दिल्ली में केस एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। हालांकि दिल्ली में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बहुत तेजी से की जा रही है। इसलिये केस जल्दी डिटेक्ट हो रहे हैं. यह भी पढ़े: COVID-19 New Symptoms: क्या आप जानते हैं कोरोनावायरस के इन चार नये असामान्य लक्षणों के बारे में! जानें शोधकर्ता क्या कहते हैं?
शादी विवाह के सीजन में क्या सावधानी रखनी है?
अगर शादी में जा रहे हैं तो ये नहीं सोचें कि रिश्तेदार हैं या घर की शादी है, तो वहां वायरस का खतरा नहीं होगा। बहुत लोग अलग-अलग जगह से आते हैं, उनसे खतरा हो सकता है। शादी के आयोजक ही आने वाले मेहमानों को मास्क लगाकर आने को कहें या फिर अगर कोई नहीं लगा कर आता है तो उसे प्रवेश द्वार पर ही दें। ऐसी जगह शादी करें जहां नेचुरल वेंटिलेशन हो, हॉल आदि में शादी करने से वायरस का खतरा बढ़ जाता है। शादी में खाने के स्टॉल भी काफी खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि सभी अपने हाथ से खाना लेंगे तो संक्रमण हो सकता है। अगर शादी में गाना बजाना हो रहा है भी तो भी वायरस दूर तक फैल सकता है। शादी में जायें तो दूरी बना कर रहें और भीड़ न होने दें.
क्या ठंड के मौसम में कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है?
हमारे देश में जब कोरोना आया था तो ठंड जा रही थी, हालांकि दुनिया कई देशों में ठंड के दौरान आया था। तब माना जा रहा था कि गर्मी आने पर शायद यह खत्म हो जाये। लेकिन खत्म नहीं हुआ। मतलब साफ है, गर्मी या सर्दी का इस पर कोई असर नहीं है। हां यह जरूर है कि 60 डिग्री के तापमान पर वायरस नष्ट हो जाता है। सर्दी के मौसम में हमारे देश में कोरोना की स्थिति कैसी रहेगी अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है। हां, इससे मिलते-जुलते रोग जैसे, इंफ्लूएंजा, खांसी, सर्दी, डेंगू, मलेरिया आदि बढ़ जाते हैं। इनसे भी बचाव करना है और मास्क, हाथ की सफाई, आसपास सफाई, सुरक्षित दूरी रख कर इन सभी से बच सकते हैं.
यह कैसे तय करें कि आरटीपीसीआर कराना है या रैपिड एंटीजन?
आमतौर पर कोई भी जांच इसलिए कराते हैं ताकि रोग पकड़ में आ जाए और समय पर इलाज हो सके। लेकिन कोविड में थोड़ा अलग है, इसमें जांच इसलिये करते हैं ताकि पॉजिटिव आने पर दूसरों का बचाव कर सकें और मरीज को अलग रखकर इलाज कर सकें। इसलिये अगर किसी को परेशानी है तो डॉक्टर ही बताते हैं कि कौन सा टेस्ट करना है. वैसे जब लक्षण हैं और रैपिड टेस्ट नेगेटिव आ गया तब आरटीपीसीआर की जरूरत पड़ती है, पुष्टि करने के लिए। फिलहाल अभी दोनों टेस्ट किये जा रहे हैं.
सीरो सर्वे में जांच करके क्या देखते हैं?
जब शरीर में कोई संक्रमण होता है तो कई बार बिना किसी दवा, इलाज के ठीक हो जाता है। इसकी वजह मनुष्य के शरीर की वो प्रकृति है जो बीमारियों का इलाज खुद ढूंढ लेती है। जैसे डेंगू हैं, शरीर में अपने आप एक प्रोटीन बनता है, जो उसके वायरस के नष्ट करता है. ऐसे में अगर हम सीरो सर्वे टेस्ट करते हैं, तो पता करते हैं कोविड से जो प्रोटीन बचाता है, वह व्यक्ति में बन चुका है या नहीं. यानी अगर प्रोटीन पाया गया, तो इसका मतलब व्यक्ति संक्रमण से हो चुका है.
कोरोना की वैक्सीन कब तक आयेगी
सभी कह रहे हैं कि वैक्सीन आ जाएगी, जल्दी आ जायेगी, लेकिन ये साफ है कि अगले साल से पहले तक नहीं आएगी। उसमें भी जून-जुलाई तक जाकर ही लोगों को मिल पाएगी। अगर फरवरी-मार्च तक आ जाये तो काफी अच्छा है,