Chhattisgarh Rajyotsava Special: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यूं ही नहीं कहे जाते सुशासित छत्तीसगढ़ के ‘शिल्पकार’
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Photo Credits: Facebook)

 छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2020: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में साल 2018 में तब बदलाव की तेज बयार चली, जब सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने राज्य में शासन की कमान अपने हाथ में ली. पद संभालने के साथ ही उन्होंने जनमानस की आवाज बनकर काम करना शुरू किया. 25 दिसंबर 2018 को पहली ही कैबिनेट बैठक में उन्होंने किसानों के हित से जुड़ा बड़ा फैसला लिया. सरकार द्वारा किसानों से ली गई 6400 हेक्‍टेयर जमीन तत्काल वापस लौटाने का ऐलान किया और अधिकारियों को यथा आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए. साथ ही किसानों के अल्पकालिक ऋणों को माफ कर बहुत राहत पहुंचाई. यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Foundation Day Wishes 2020: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर ये WhatsApp Status, Facebook Greetings, GIF Images, Photo Wishes, Quotes, Wallpapers, भेजकर दें शुभकामनाएं

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहचान जोशीले, कर्मठ व नई ऊर्जा के प्रतिक के तौर पर है. छत्तीसगढ़ को संवारने और प्रदेश के हर तबके को खुशहाल बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने अनेकों जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की है. परिणामस्वरूप राज्य में कृषि, रोजगार, स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा तक हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विशेषतौर पर गरीबों का सबसे जादा ख्याल रखा. यही वजह है कि आज उन्हें छत्तीसगढ़ में अपार जन समर्थन हासिल है. यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Formation Day Messages 2020: छत्तीसगढ़ राज्योत्सव पर ये WhatsApp Status, Facebook Greetings, GIF Images, Photo Wishes, Quotes, Wallpapers, भेजकर दें शुभकामनाएं

किसानों को बनाया खुशहाल-

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

किसानों को फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना तथा कृषि रकबे में वृद्धि करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रावधानित 5750 करोड़ रूपए की राशि किसानों के खातों में चार किस्तों में दी जा रही है. 2 अक्टूबर 2020 तक 3 हजार करोड़ का भुगतान किया गया. इसकी तीसरी किस्त का भुगतान 01 नवम्बर 2020 को किया जायेगा. इस योजना से प्रदेश 19 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' के दूसरे चरण में शामिल करने का निर्णय लिया है.

किसानों के कर्ज माफ

नवंबर 2018 तक लिए गए 17 लाख 82 हजार किसानों के 8.755 करोड़ के अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ कर दिया गया है. अल्पकालिक कृषि ऋण माफी योजना 2018 के लिए दिशा- निर्देश जारी किए गए, जिसके तहत 30 नवंबर, 2018 तक सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से लिये गए सभी कृषि ऋणों को माफ किया गया. जबकि 17 लाख किसानों के 244 करोड़ रूपए के पिछले 15 सालों का सिंचाई कर भी माफ कर दिया.

नरवा, गरवा, घुरवा और बारी

सुराजी गांव योजना के अंतर्गत 'नरवा, गरवा, घुरवा, बारी' कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को परंपरागत घटकों को संरक्षित तथा पुनर्जीवित करते हुए गांवों को राज्य की अर्थव्यवस्था के केंद्र में लाना है. साथ ही पर्यावरण में सुधार करते हुए किसानों तथा ग्रामीणों की व्यक्तिगत आय में वृद्धि करना है.

गोधन न्याय योजना

जैविक खेती को बढ़ावा, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसरों का निर्माण, गोपालन एवं गो-सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशु पालकों को आर्थिक रूप से लाभान्वित करना है. वर्तमान में 5454 गौठानों में 2 रूपए प्रति किलो की दर से ग्रामीणों तथा गोबर संग्राहकों से गोबर खरीदी की जा रही है. खरीदे गये गोबर से स्व. सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है. यह 'गोधन वर्मी कम्पोस्ट' के नाम से 8 रुपये प्रति किलो की दर से बेचीं जा रही है. 20 अक्टूबर 2020 तक 39 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है.

गरीबों का रखा ख्याल-

सार्वभीम पीडीएस

प्रदेश के आयकर एवं गैर आयकर दाता समस्त परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. योजनान्तर्गत अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा, निःशक्तजन एवं सामान्य राशनकार्डधारी परिवार शामिल है. योजना लागू होने से अब प्रदेश के सभी परिवार राशन कार्ड के लिए पात्र है. वर्तमान में राज्य की 96 प्रतिशत जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा मिल रही है. सरकार ने सभी गरीब परिवारों को 35 किलो चावल देने का वादा पूरा है. राज्य के अनुसूचित और माडा क्षेत्र के 25 लाख अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए रियायती दर 5 रूपये प्रति किलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना प्रदान किया जा रहा है.

शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना

छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे हुए लगभग 12.50 लाख संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य के लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की गई है. इसके तहत तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2,500 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति मानक बोरा किया गया.

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं. कुपोषित बच्चों में अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचलों के थे. राज्य सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की. अगले 3 वर्षों में प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्तं  करने की रणनीति तैयार की गई है. योजना शुरू होने के समय वजन त्यौहार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 4 लाख 92 हजार बच्चे कुपोषित थे, इनमें से 67 हजार से अधिक बच्चे अब कुपोषण मुक्त हो गए हैं. इस तरह कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 13.79 प्रतिशत की कमी आयी है. योजनान्तर्गत 51,455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 25 लाख हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट का वितरण किया गया. जबकि एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक एसिड, कृमि नाशक गोलियां दी जाती हैं.

रोजगार के लिए बड़े कदम-

नई औद्योगिक नीति

राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने, समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए नवीन औद्योगिक नीति 2019-24 लागू की गई है. इससे कृषि एवं वन आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देना है. धान तथा गन्ने से बायो इथेनाल के उत्पादन को विशेष रूप से उच्च प्राथमिकता, ताकि कृषि उत्पादों को स्थानीय स्तर पर समुचित मूल्य मिल सके. नयी औद्योगिक नीति के तहत स्थापित होने वाले उद्यमों में आवश्यक कुशल श्रेणी में 70 प्रतिशत, अकुशल श्रेणी में 100 प्रतिशत एवं प्रबंधकीय श्रेणी में 40 प्रतिशत रोजगार स्थानीय निवासियों को देने का प्रावधान है. राज्य मे 200 फूड पार्क बनाने का लक्ष्य है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य में नवीन उद्योगों में 12,633 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ, जिससे स्थापित 435 उद्योगों में 7726 व्यक्तियों को रोजगार मिला. वर्ष 2020-21 में अब तक 213 करोड़ रूपए से अधिक पूंजी निवेश के साथ 110 स्थापित उद्योगों में 4346 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है.

राजीव युवा मितान क्लब

राजीव युवा मितान क्लब के माध्यम से राज्य की युवा शक्ति को संगठित कर युवाओं को मुख्यधारा से जोड़कर “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” के ध्येय वाक्य को साकार करना है. योजनान्तर्गत 146 विकासखण्डों की 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों में कई गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इसमें युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास तथा कौशल विकास की, शासन की विकास योजनाओं में साझेदारी, सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी, स्वच्छता, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, वैचारिक, नेतिक विकास, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से रचनात्मक कार्य, स्वतंत्रता सेनानियों, महान विभूतियों पर विमर्श जैसी गतिविधियां शामिल है.

मनरेगा

चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 26.34 लाख परिवारों को मनरेगा के जरिए रोजगार दिया गया, इसके तहत कुल 49.31 लाख श्रमिकों को काम मुहैया करवाया गया. वित्तीय वर्ष 2020-24 के पहले 6 महीनों (अप्रैल 2020 से सितंबर 2020) में ही 9.82 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ. मनरेगा कार्यों में महिलाओं की भागीदारी में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. रोजगार प्राप्त कुल श्रमिकों में 50.28 प्रतिशत (24.79 लाख) महिलाएं है, जो कि पिछले 4 वर्षो में सर्वाधिक है. जबकि कोविड-19 के चलते देशव्यापी लॉक-डाउन के दौर में मनरेगा श्रमिकों को अप्रैल से जुलाई के बीच 2038.13 करोड़ रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया.

पौनी पसारी योजना

इस योजना में असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसाय करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को कौशल उन्‍नयन उपरांत सघन शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय हेतु दस रूपये प्रति दिवस के दैनिक शुल्क पर चबूतरा उपलब्ध कराने का प्रावधान है. अद्यतन 92 नग पौनी-पसारी बाजारों के निर्माण कार्य हेतु कुल राशि 23.69 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. योजना के लिए आगामी दो वर्ष में 73 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा है. पौनी पसारी के मानक डिजाइन अनुसार प्रति बाजार परिसर में 15 बड़े चबूतरे उपलब्ध रहेंगे, जिन पर लगभग 90 लोग अपना व्यवसाय कर सकेंगे. योजना के तहत 12 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार मिल सकेगा.

गढ़ कलेवा योजना

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करते हुए पारंपरिक खान-पान, आहार एवं व्यंजनों से देश-दुनिया को परिचित कराना, वर्तमान में जब लोगों के पास समय की कमी है तब छत्तीसगढ़ी व्यंजनो का स्वाद लोगों को सुगमतापूर्वक उपलब्ध कराना, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की लुप्तप्राय विधि को जीवन्त बनाये रखना, विधवा, परित्यक्ता, थर्ड जेन्डर, जनजाति महिला, स्व सहायता समूहों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करना है. राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ी खानपान एवं व्यंजन विक्रय केन्द्र “गढ़कलेवा' छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है. इसके अंतर्गत स्थानीय महिला स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षित कर तथा गढ़कलेवा हेतु स्थल, शेड आदि तैयार कर संचालन हेतु दिया जा रहे हैं, जिससे समूह के गरीब परिवारों को जीवन यापन के लिए स्वरोजगार प्राप्त हो सकें तथा आत्मनिर्भर बन सकें.

निरोग छत्तीसगढ़ के लिए कई योजनाएं-

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना

मुख्यमंत्री शहरी स्‍लम स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य के शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में निवासरत करीब 16 लाख लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच और आसान करना है. योजनान्तर्गत शहरी स्लम क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा चिन्हित स्थानों पर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं दवा वितरण हो रहा है. अब तक 4 हजार 557 से अधिक शिविर आयोजित किये जा चुके हैं, 183 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है. जबकि 120 मोबाइल मेडिकल यूनिटों के माध्यम से झुग्गी बस्तियों में ही फ्री परामर्श, इलाज, दवाइयों एवं पैथोलॉजी लैब की सुविधा दी गई है. द्वितीय चरण में “मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना' का प्रदेश के समस्त 166 शहरों में विस्तार किया जायेगा.

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना

हाट-बाजारों के माध्यम से वन, पहाड़ी तथा अन्य दुर्गम क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों, जन-जातीय समूहों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच आसान करना है. इसके माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं दवा वितरण हो रहा है. दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में निरंतर कमी हो रही है. महिलाओं एवं बच्चों के पोषण में सुधार की सतत निगरानी की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत अब तक राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में निवासरत 10 लाख 9 हजार 653 मरीज लाभान्वित हो चुके हैं.

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना

इसका मकसद प्रदेश के लोगों को शासकीय चिकित्सालयों एवं अनुबंधित निजी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना है. साथ ही नागरिकों को बीमारी व इलाज के खर्च की चिंता से मुक्त कर उनके स्वास्थ्य का स्तर ऊंचा उठाना है. गरीब से गरीब व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश में 66 लाख परिवार इस योजना के दायरे में हैं. योजना के तहत बीपीएल और एपीएल परिवारों को हर वर्ष 50 हजार रूपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा मुहैया करवाया जा रहा है. 1 जनवरी 2020 से अब तक 2,71,118 लोगों को फायदा पहुंचा है.

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना

राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने, गंभीर तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले व्यय से बचाने हेतु राज्य शासन द्वारा संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंभ की गई है. इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 20 लाख रूपये तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है. छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जो इतनी बडी राशि अपने राज्य के नागरिकों के इलाज के लिए प्रदान कर रहा है, ताकि स्वस्थ एवं बेहतर छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा सके.

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान

बस्तर संभाग को मलेरिया, एनीमिया एवं कुपोषण मुक्त करने तथा शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की गई है. यह अभियान पहले चरण में 15 जनवरी से 23 फरवरी तक 14 लाख छह हजार लोगों की जांच की गई. इस दौरान मलेरिया पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646 लोगों का मौके पर ही इलाज कर दवाइयां दी गई थीं. जबकि दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार लोंगोंकी जांच कर 30 हजार 76 मलेरिया पीड़ितों का उपचार किया गया. इस अभियान के कारण बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में सितंबर तक 65 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है. 

शिक्षा पर खास ध्यान-

पढ़ई तुंहर दुआर

कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन में विभिन्‍न कक्षाओं के अधूरे पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए ऑनलाईन कक्षाओं का संचालन किया गया. योजनान्तर्गत 22 लाख बच्चों एवं 2 लाख शिक्षकों को सीखने-सिखाने की सुविधा दी गई. वीडियों कॉन्फ्रेंस के जरिए छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. साथ ही सभी स्टडी मटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है. जिस वजह से लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं. जुलाई 2020 तक एक लाख ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया गया है.

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना

छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक सत्र 2020-21 से यह योजना प्रारंभ की गई है. इसके तहत मोजूदा वित्तीय वर्ष में 53 स्कूल भवनों के निर्माण का संकल्प लिया गया है. शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अब तक 27 हजार 741 बच्चे दाखिल हुए. विद्यालयों में रोबोटिक्स, कम्प्यूटर व लिंग्विस्टिक लैब स्थापित होंगे साथ ही उच्च मापदंडों के साथ शिक्षकों का चयन किया जायेगा.

कोरोना से जंग-

वेश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ में फरवरी से ही इस पर नियंत्रण की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं. स्टेट कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर द्वारा राज्य में संक्रमण की स्थिति की लगातार निगरानी कर रोजाना समीक्षा की जा रही है. जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा 32 विशेषीकृत, कोविड अस्पतालों की स्थापना की गई है. इन अस्पतालों में 4275 बिस्तर उपलब्ध, 517 आईसीयू बिस्तर एवं 479 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. वहीं बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए प्रदेश भर के 207 कोविड सेंटर्स में 25,560 बिस्तर है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 166 क्वारेंटाइन सेंटर्स में 4221 बिस्तर है. कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सैंपल जांच की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. कोविड मरीजों के प्रबंधन में प्रशिक्षित 16 हजार से अधिक मेडिकल स्टॉफ की तैनाती कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में की गई है.