छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018: नक्सल सक्रीय क्षेत्रों में मतदान के दौरान उंगली पर स्याही लगाने से लग सकती है रोक
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ में हलचल तेज हो गई है. एक तरफ चुनाव आयोग जहां शांति से निष्पक्ष चुनाव चाहता है वहीं नक्सली इस चुनाव के बहिष्कार में जुटे हैं. चुनाव के दौरान अशांति और भय का माहौल बनाने के लिए नक्सली कुछ भी कर सकते हैं. ऐसे में सरकार और चुनाव आयोग के लिए मतदाताओं की सुरक्षा गंभीर विषय है. सुरक्षा दृष्टी से चुनाव आयोग नक्सली सक्रिय इलाकों में मतदाताओं की उंगलियों पर स्याही न लगाने का विचार कर रहा है.

इस विषय पर छत्तीसगढ़ चुनाव आयोग ने केंद्रीय चुनाव आयोग से भी पूछा है. बता दें कि मतदान से पहले मतदाताओं की उंगली पर स्याही इसलिए लगाईं जाती है ताकि मतदाता दुबारा वोट न दे सके.  स्याही इसलिए लगाई जाती है कि चुनाव में धांधली न हो. साथ ही इसके लिए विशेष स्याही को प्रयोग में लाया जाता है इसके निशान कई दिनों तक मतदाताओं की उंगलियों पर रहते हैं.

छत्तीसगढ़ में 14 नक्सली सक्रिय क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में सफल और शांति पूर्वक चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से पूछा है कि क्या इन क्षेत्रों में स्याही का इस्तेमाल बंद हो सकता है? आधिकारिक सूत्रों की माने तो अगर चुनाव आयोग यह सुझाव मान लेता है तो इस बार के चुनाव के लिए नियमों में कुछ परिवर्तन होगा. यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018: कांग्रेस को बड़ा झटका, कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके ने थामा बीजेपी का दामन

मतदाताओं को है नक्सलियों का खौफ

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके के लोग चाहते हैं कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करें, लेकिन साथ ही लोगों को नक्सलियों का भी डर है. यही वजह है कि लोग नहीं चाहते हैं कि उंगली में स्याही लगाई जाए, क्यों कि अगर नक्सली मतदाताओं की पहचान कर लेंगे तो वे उन्हें मार देंगे. यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़: राज्य में आचार सहिंता लगने के बाद अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, चेकिंग के दौरान पुलिस को मिली कैश से भरी गाड़ी

छत्तीसगढ़ में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य में 2 चरण में चुनाव होंगे. पहले चरण में 12 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान कराए जाएंगे.

गौरतलब है कि नक्सलियों ने हर बार की तरह इस बार भी चुनाव को बहिष्कार करने के लिए कहा है. इसके लिए जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए हैं. पिछले चुनावों में देखा गया है कि नक्सली गांव-गांव में जाकर लोगों के हाथ देखते है. और उंगली पर स्याही मिलने पर हत्या तक कर दी जाती है.