VIDEO: 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते': चिनाब नदी का ये नजारा सूखा देगा पाकिस्तान का 'गला', प्यासे रहने पर निकल जाएगी हेकड़ी
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Indus Waters Treaty Abeyance: पाकिस्तान की आंखें अब चिनाब नदी के सूखे हुए किनारों को देखकर खुल जानी चाहिए. सोमवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित सलाल डैम के सभी गेट बंद कर दिए गए, जिससे चेनाब नदी का जलस्तर अचानक गिर गया. वहीं रामबन जिले में स्थित बगलिहार पनबिजली परियोजना से कुछ जल छोड़ा गया, लेकिन पाकिस्तान तक बहने वाला पानी अब सीमित हो गया है. इस कदम के बाद भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने प्रधानमंत्री मोदी की नीति की जमकर तारीफ की.

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "यह मजबूत मोदी डॉक्ट्रिन है. अब भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त होकर फैसले ले रहा है. खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते."

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चिनाब नदी का ये नजारा सूखा देगा पाकिस्तान का 'गला'

'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते'

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले को "ऐतिहासिक और साहसी कदम"* बताया था. उन्होंने कहा था, "आज का भारत दोस्ती भी निभाना जानता है और दुश्मनी भी. खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते."

आखिर क्या है सिंधु जल संधि?

गौरतलब है कि सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में बनी थी. इस संधि के तहत भारत को सिंधु नदी प्रणाली का 20% और पाकिस्तान को 80% जल मिलने का प्रावधान है. इसमें चेनाब, झेलम और सिंधु जैसी पश्चिमी नदियां पाकिस्तान को दी गई थीं.

लेकिन अब जब पाकिस्तान लगातार सीमा पार से आतंक फैलाने में लगा है, तो भारत ने इस संधि को ‘अस्थायी रूप से निलंबित’ कर एक सख्त संदेश दिया है. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत सरकार लगातार पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक दबाव बना रही है.

भारत ने पानी को बनाया हथियार

पाकिस्तान ने शायद कभी नहीं सोचा होगा कि पानी जैसी चीज भी भारत की रणनीति का हिस्सा बन सकती है. लेकिन मोदी सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जब बात देश की सुरक्षा और सम्मान की हो, तो भारत किसी भी हद तक जा सकता है.

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