नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाने की मांग की है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि एक साथ चुनाव होने से चुनावों पर होने वाले भारी खर्च में हजारों करोड़ रुपये की कटौती होगी. भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधमंडल द्वारा सौंपे गए पत्र में शाह ने कहा कि लगातार चलने वाली चुनाव प्रक्रिया से राष्ट्रीय संसाधनों पर दबाव पड़ा है और भारत जैसे प्रगतिशील लोकतंत्र में विकास कार्य और नीतिगत फैसले चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने से रुक जाते हैं.
उन्होंने कहा, "लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कोई संबंध नहीं है। दोनों चुनावों में मतदाता अलग-अलग मुद्दों को लेकर वोट डालते हैं." शाह ने कहा कि भाजपा की एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा की आलोचना के राजनीतिक कारण हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होने से राज्य और केंद्र दोनों का काम-काज प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव होने से चुनाव के खर्च में भी कमी आएगी.
भाजपा प्रतिनिधिमंडल न्यायमूर्ति बी. एस. चौहान की अध्यक्षता वाले विधि आयोग से मिला और कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा को अपनाने के लिए संविधिान में जरूरी संशोधन किए जाने चाहिए.
भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा, "चुनाव के दौरान 9.30 लाख मतदान केंद्र और एक करोड़ कर्मी होते हैं. 2011 में चुनाव पर 1,61,700 करोड़ रुपये और 2014 में 4,000 करोड़ रुपये खर्च हुए. एक राष्ट्र और एक चुनाव से खर्च कम होगा. यह कार्य कई देशों में सफल रहा है." वह यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. भाजपा प्रतिनिधिमंडल में विनय सहस्रबुधे और यादव समेत पार्टी के प्रवक्ता अनिल बलूनी शामिल थे.