असम में आज शनिवार को 40 लाख से अधिक लोगों की नागरिकता का फैसला होगा. राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की अंतिम लिस्ट शनिवार सुबह 10 बजे जारी की जाएगी. फाइनल लिस्ट आने से पहले असम में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. साथ ही, हिंसा की आशंका और सांप्रदायिक झड़पों की आशंकाओं को देखते हुए पुलिस, प्रशासन और गृह मंत्रालय अलग-अलग स्तरों पर जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है. राज्य भर में कड़ी सुरक्षा के इतंजाम किये गए हैं. कई जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई है. सार्वजनिक स्थानों पर चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लागू कर दी गई है. गुवाहाटी समेत सभी संवेदनशील इलाकों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां अतीत में हिंसा भड़कने की घटनाएं हो चुकी हैं.
एनआरसी लिस्ट में नाम नहीं होने की आशंका के चलते लोगों को अपने भविष्य की चिंता होने लगी है. इन लोगों का भविष्य फिलहाल अधर में अटका हुआ है. एनआरसी लिस्ट जारी होने से पहले कई लोगों को नींद तक नहीं आ रही है. कई लोगों का कहना है कि पहली दो लिस्ट में उनके और परिवार के सदस्यों का नाम शामिल था, लेकिन फाइनल लिस्ट में नाम हटा दिया गया है. एनआरसी की फाइनल लिस्ट के प्रकाशन से पहले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से कहा कि वे घबराएं नहीं राज्य सरकार अपनी नागरिकता साबित करने में उन लोगों को मदद करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी जो वास्तव में भारतीय हैं.
क्या है NRC
एनआरसी असम में रह रहे भारतीय नागरिकों की एक लिस्ट है. इसे राज्य में अवैध तरीके से घुस आए तथाकथित बंगलादेशियों के खिलाफ असम में हुए छह साल लंबे जनांदोलन के नतीजे के तौर पर भी समझा जा सकता है. लेकिन इस लिस्ट से राज्यभर के लोगों में चिंता और बेचैनी बनी हुई है. हालांकि केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि चिंता की कोई बात नहीं है.
सरकार के तरफ से कहा गया है "जिन लोगों के नाम अंतिम NRC में दर्ज नहीं होंगे, उन्हें तब तक विदेशी घोषित नहीं किया जा सकता, जब तक सभी कानूनी विकल्प इस्तेमाल नहीं किए जाते. NRC में दर्ज नहीं होने वाला हर व्यक्ति विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता है, साथ ही अपील करने की डेडलाइन को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दी गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एनआरसी को अपडेट करने का आदेश दिया था ताकि वह बोनाफाइड नागरिकों की पहचान कर सके और अवैध अप्रवासियों को बाहर निकाला जा सके. लेकिन असली काम फरवरी 2015 में शुरू हुआ.