मुंबई: पाकिस्तान (Pakistan) की कायराना हरकत का सबसे बड़ा सबूत मुंबई (Mumbai) आतंकी हमलें की आज दसवीं बरसी है. इस हमलें में कभी न सोने वाली शहर मायानगरी मुंबई 60 घंटों के लिए दहशत के साये में कैद हो गई थी. बरसी के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने मृतकों और शहीदों को याद किया है. वहीं मुंबई आतंकी हमलों की 10वीं बरसी पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Michael Pompeo) ने अमेरिकी नागरिकों व सरकार की तरफ से भारतीयों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है. साथ ही उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के गुनहगारों के सिर पर इनाम की राशि बढ़ाकर 5 मिलियन डॉलर कर दी है.
आज से दस वर्ष पहले मुंबई में हुए आतंकी हमलों से संतप्त व्यक्तियों और परिवारों को हम याद करते हैं। अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को हमारा नमन। न्याय को सुनिश्चित करने और आतंकवाद को परास्त करने के लिए भारत पूर्णतया प्रतिबद्ध है — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 26, 2018
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ''आज से दस वर्ष पहले मुंबई में हुए आतंकी हमलों से संतप्त व्यक्तियों और परिवारों को हम याद करते हैं. अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को हमारा नमन. न्याय को सुनिश्चित करने और आतंकवाद को परास्त करने के लिए भारत पूर्णतया प्रतिबद्ध है.''
On behalf of the government of the United States of America & all Americans, I express my solidarity with the people of India & the city of Mumbai on the 10th anniversary of the Mumbai terrorist attack: US Secretary of State Mike Pompeo pic.twitter.com/3i9iLLCSPj
— ANI (@ANI) November 26, 2018
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका मुंबई हमलों में शामिल आतंकियों की जानकारी देने या उन्हें सजा देने पर 5 मिलियन डॉलर इनाम की घोषणा करता है. पोम्पियो ने कहा, ''हमले के दोषियों का अब तक न पकड़ा जाना अपनों को खोने वालों का अपमान है. सभी देशों और खासकर पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के तहत वो इस हमले के दोषियों को सजा दिलवाए.''
देश के इतिहास में सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में से एक में पाकिस्तान के 10 सशस्त्र आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में तबाही मचायी थी. पाकिस्तान से समुद्री रास्ते से आए आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और नरीमन हाउस को निशाना बनाया था. इस घटना में 166 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 26/11 हमले के बाद पुलिस की भूमिका को फिर से परिभाषित किया गया था और मुंबई की सुरक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव किया गया.