सिनेमेटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2019 (Cinematography Act Amendment 2019) आज राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया गया. इस विधेयक में सिनेमेटोग्राफ कानून 1952 (Cinematography Act 1952) के प्रावधानों में संशोधन की व्यवस्था है, ताकि गैर-कानूनी कैमकॉडिंग और फिल्मों के डुप्लीकेशन के लिए दंड प्रावधानों को शामिल करके फिल्म पायरेसी (Film piracy) को रोका जा सके. इस बिल को सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore ) ने राज्यसभा में पेश किया.
इस बिल में सिनेमेटोग्राफी एक्ट में संशोधन करते हुए बताया गया है कि अब सिनेमाघरों में कैमकॉर्डिंग (Camcording) करना और फिल्मों की डुप्लीकेट कॉपीज बनाना अपराध माना जाएगा और इसके लिए कानूनी रूप से दंडित भी किया जाएगा.
जानकारी है कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट में नए संशोधन के तहत अब दोषी पाए जाने पर 3 साल की सजा और 10 लाख रूपए तक का जुर्माना तथा दोनों ही हो सकता है.
नए संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अगर कॉपीराइट ओनर की इजाजत के बिना लिखित या किसी भी रूप से किसी यंत्र के जरिए किसी फिल्म को रिकॉर्ड, ट्रांसमिट या उसकी कॉपी करने की कोशिश करता है या ऐसा उद्देश्य रखता है तो उसे दोषी माना जाएगा.
बता दें कि पिछले हफ्ते कैबिनेट ने इस नए संशोधन के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी. तमिलरॉकर्स (TamilRockers) समेत अन्य लाखों पायरेसी वेबसाइट्स के चलते फिल्म निर्माताओं को भारी नुक्सान सहना पड़ रहा था. कई सारी बड़ी से छोटी फिल्मों को अवैध रूप से इन वेबसाइट्स पर लीक कर दिया गया जिसके कारण फिल्म इंडस्ट्री में निर्माता परेशान थे.
बीते काफी समय से सिनेमेटोग्राफी एक्ट में संशोधन को लेकर फिल्म इंडस्ट्री द्वारा मांग की जा रही थी जिसके बाद इस साल अंतरिम बजट की पेशी के दौरान पियूष गोयल ने इस एक्ट में संशोधन होने की घोषणा की.