सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मामले पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दिए और मुंबई पुलिस (Mumbai Police) को इस मामले में अब तक एकत्र किए गए सभी साक्ष्य सीबीआई को सौंपने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सुशांत का परिवार और उनके दोस्त यार खुश दिखाई दिए. श्वेता सिंह कीर्ति, अंकिता लोखंडे, अनुमप खेर, कीर्ति सेनन, अक्षय कुमार तक सभी सितारों ने न्याय की उम्मीद जताई.
ऐसे में अब रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने अपना पक्ष सामने रखा है. उन्होंने रिया की तरफ से बात रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. ऐसे में रिया अब सीबीआई के समक्ष भी मौजूद रहेंगे और जांच का हिस्सा बनेगी. जैसा इससे पहले मुंबई पुलिस और ED के सामने कर चुकी है. वो सच पर बनी रहेंगी फिर चाहे कोई भी एजेंसी मामले की जांच करें.
Rhea will appear and face the investigation by the CBI as she has done earlier with the Mumbai Police and the Enforcement Directorate. She maintains that the truth will remain the same whichever agency investigates the case: Rhea Chakraborty's lawyer Satish Maneshinde https://t.co/wnzBN9i7iD
— ANI (@ANI) August 19, 2020
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि मामले की जांच का आदेश कोर्ट द्वारा आदेशित है और महाराष्ट्र सरकार को इसका पालन करने के साथ ही इसमें सहायता करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो सीबीआई ताजा मामला दर्ज करने के लिए भी स्वतंत्र है. न्यायाधीश हृषिकेश रॉय ने कहा कि सीबीआई न सिर्फ पटना में दर्ज एफआईआर की जांच करेगी, बल्कि मामले से जुड़े सभी अन्य एफआईआर की जांच करने के लिए सक्षम होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुंबई पुलिस ने सुशांत सिह राजपूत की मौत के संबंध में सिर्फ एक आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की है, इसके अलावा उनके पास जांच की सीमित शक्तियां हैं, जबकि बिहार पुलिस द्वारा दर्ज किया गया मामला एक पूर्ण प्राथमिकी है, जिसे पहले ही सीबीआई को भेजा जा चुका है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनिश्चित किया कि राजपूत की मौत के पीछे के रहस्य की जांच के लिए सीबीआई जांच के अलावा कोई रास्ता नहीं था और किसी भी अन्य राज्य की पुलिस इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश रिया चक्रवर्ती की उस याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि मामले की जांच का आदेश कोर्ट द्वारा आदेशित है और महाराष्ट्र सरकार को इसका पालन करने के साथ ही इसमें सहायता करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो सीबीआई ताजा मामला दर्ज करने के लिए भी स्वतंत्र है.