Kangana Ranaut को कानूनी नोटिस, सिख संस्था ने अभद्र ट्वीट पर कहा- माफी मांगो
कंगना रनौत (Photo Credits: Instagram)

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को कानूनी नोटिस भेजकर केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों और कार्यकतार्ओं के खिलाफ उनके 'अपमानजनक' ट्वीट के लिए 'बिना शर्त माफी' मांगने की मांग की है. यह जानकारी कमेटी के अध्यक्ष ने शुक्रवार को दी. डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, "हमने कंगना रनौत को उनके अपमानजनक ट्वीट के लिए कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें उन्होंने एक किसान की वृद्ध मां को 100 रुपये में उपलब्ध होने वाली महिला के रूप में दर्शाया है. उनके ट्वीट किसानों के विरोध को राष्ट्रविरोधी बताते हैं. हम किसानों के विरोध पर उनकी असंवेदनशील टिप्पणी के लिए उन्हें बिना शर्त माफी मांगने की मांग करते हैं.

यह नोटिस अभिनेत्री के उस ट्वीट के मद्देनजर आया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि 'शाहीन बाग वाली दादी' राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन में शामिल हुई हैं. अभिनेत्री ने बिलकिस बानो सहित एक और बुजुर्ग महिला की तस्वीर के साथ पोस्ट को रीट्वीट किया था और लिखा कि 'वही दादी' जो टाइम मैगजीन में छपी थी, 'जो 100 रुपये में उपलब्ध थी.' यह भी पढ़े: BMC मेयर की अपमानजनक टिप्पणी पर कंगना रनौत का हमला, आदित्य पंचोली और ऋतिक रोशन का भी लिया नाम 

अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, "हा हा हा वहीं दादी, जो टाइम मैगजीन में सबसे शक्तिशाली भारतीय बनी थी, और वह 100 में उपलब्ध रहती हैं. पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय पीआर को शर्मनाक तरीके से अपहृत किया है. हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे लिए बोलने के लिए हमारे अपने लोगों की आवश्यकता है." इस मामले को लेकर रनौत और पंजाबी अभिनेता-गायक दिलजीत दोसांझ के बीच गुरुवार को शब्दों का युद्ध भी देखा गया. यह भी पढ़े: Prince Narula Slams Kangana Ranaut: किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत के इस फर्जी ट्वीट पर भड़के प्रिंस नरूला, ये कहकर लगाई फटकार 

गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हजारों किसान एक सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार ने गुरुवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की वार्ता की. हालांकि, वार्ता एक बार फिर अनिर्णायक रही. अगला दौर शनिवार के लिए निर्धारित है.