Kangana Ranaut Property Demolition Case: कंगना रनौत के मुंबई स्थित बंगले पर मुंबई महानगरपालिका को तोड़क कार्रवाई एक खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में दर्ज केस को लेकर आज सुनवाई की गई. अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमने तस्वीरों की जांच पड़ताल की और काम को भी जांचा. इसके बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि ये मौजूदा काम है. इसका मतलब इसपर किसी भी तरह का अवैध निर्माण नहीं हुआ है. अदालत ने कहा कि मुंबई बीएमसी ने इस तरह से कार्रवाई करके गलत कदम उठाया है. ये नागरिकों के हक के खिलाफ है.
इसी के साथ अदालत ने कंगना को चेतावनी देते हुए कहा कि याचिका करता को सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते समय संयम का पालन करना चाहिए. न्यायधीश एसजे कथावाला और आरआई चगला की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की.
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MCGM has proceeded on wrongful grounds, against rights of the citizens, it is nothing but malice in law.
Writ petition maintainable.
— Bar & Bench (@barandbench) November 27, 2020
Court’s verdict reads:
We have set out the photographs and compared the works. We have concluded that it is existing work.
Clarification: this does not comprise of unauthorised construction.@KanganaTeam @mybmc @rautsanjay61
— Bar & Bench (@barandbench) November 27, 2020
अदालत ने कहा कि शिव सेना नेता संजय राउत ने कहा था, "बंगला उखाड़ दिया." ये बयान याचिकर्ता के केस में साबित करता है कि उनके (कंगना) के बयानों का ही नतीजा है.
मुंबई के बांद्रा इलाके स्थित कंगना के दफ्तर पर बीएमसी के अधिकारीयों ने तोड़क कार्रवाई करते हुए उनकी ईमारत के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया था. बीएमसी ने कंगना के दफ्तर पर अवैध निर्माण का हवाला देते हुए ये कार्रवाई की थी.
The petitioner should show restraint in airing her opinions on the government.@KanganaTeam @mybmc @rautsanjay61
— Bar & Bench (@barandbench) November 27, 2020
इसके बाद कंगना ने महाराष्ट्र सरकार की तुलना बाबर से करते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगाईं थी. इसी के साथ अपने वकीलों के जरिए कंगना ने इस मामले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद अदालत ने 5 अक्टूबर को इस केस को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा था.