Lenskart IPO GMP: भारत की मशहूर आईवियर कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड (Lenskart Solutions Ltd) का आईपीओ (IPO) इस साल निवेशकों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा में रहा और बेहद सफल साबित हुआ. मंगलवार को बोली लगाने के आखिरी दिन तक कंपनी का 7,278 करोड़ रुपये का आईपीओ 28.27 गुना सब्सक्राइब हुआ. बीएसई (BSE) के आंकड़ों के अनुसार, लेंसकार्ट को 9.98 करोड़ शेयरों के मुकाबले 281.88 करोड़ शेयरों की बोलियां मिलीं. यानी निवेशकों ने कंपनी के शेयरों में उम्मीद से कई गुना अधिक दिलचस्पी दिखाई. कुल मिलाकर, इस इश्यू के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां आईं, जो यह साफ दिखाता है कि निवेशक लेंसकार्ट के बिजनेस मॉडल और उसके भविष्य पर पूरा भरोसा जता रहे हैं.
बड़े निवेशकों का भरोसा बना ताकत
विशेषज्ञों का कहना है, कि राधाकिशन दमानी जैसे बड़े निवेशकों का भरोसा और प्रमुख म्यूचुअल फंड्स की सक्रिय भागीदारी ने लेंसकार्ट के आईपीओ के प्रति बाजार में जबरदस्त सकारात्मक माहौल बनाया है. यही वजह है कि महंगे प्राइसिंग के बावजूद निवेशकों ने बड़ी संख्या में बोली लगाई, जिससे साफ झलकता है कि बाजार को लेंसकार्ट की ग्रोथ स्टोरी और बिजनेस मॉडल पर पूरा विश्वास है.
हालांकि, कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि इतनी बड़ी ओवरसब्सक्रिप्शन हर बार कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स का संकेत नहीं होता, बल्कि कई बार यह शॉर्ट-टर्म मार्केट उत्साह का नतीजा होता है. उनका कहना है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के स्थिर रहने और लिस्टिंग गेन की उम्मीदों ने रिटेल निवेशकों को आकर्षित किया, लेकिन असली परीक्षा लेंसकार्ट की तब होगी जब शेयर बाजार में इसकी लिस्टिंग के बाद प्रदर्शन सामने आएगा.
अलग-अलग श्रेणियों में निवेशकों की प्रतिक्रिया
लेंसकार्ट के आईपीओ में सभी श्रेणियों के निवेशकों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया और बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) की श्रेणी में सबसे अधिक दिलचस्पी देखने को मिली, जहां यह हिस्सा 40.36 गुना सब्सक्राइब हुआ. वहीं, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (HNIs) की श्रेणी में 18.23 गुना और रिटेल इन्वेस्टर्स की ओर से 7.56 गुना बोलियां दर्ज की गईं. इसके अलावा, कर्मचारियों के लिए आरक्षित कोटा भी पीछे नहीं रहा और यह 4.96 गुना सब्सक्राइब हुआ.
इन आंकड़ों से यह साफ झलकता है, कि बाजार में लेंसकार्ट की लंबी अवधि की ग्रोथ, मजबूत बिजनेस मॉडल और ब्रांड वैल्यू पर निवेशकों का भरोसा लगातार बना हुआ है.
एंकर निवेशकों का भरोसा और विदेशी फंड्स की दिलचस्पी
आईपीओ से पहले ही लेंसकार्ट ने एंकर निवेशकों से 3,268 करोड़ रुपये जुटा लिए थे. इसमें कई बड़े घरेलू म्यूचुअल फंड्स और विदेशी निवेशकों ने हिस्सा लिया था. इस कदम ने बाजार को पहले ही यह संकेत दे दिया था कि कंपनी के आईपीओ को लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह रहेगा.
लेंसकार्ट भारत के संगठित चश्मा बाजार (Organized Eyewear Market) का अग्रणी ब्रांड बन चुका है. कंपनी न सिर्फ घरेलू बाजार में तेजी से बढ़ रही है, बल्कि अब मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे विदेशी बाजारों में भी अपना विस्तार कर रही है. यही कारण है, कि निवेशकों का भरोसा कंपनी के बिजनेस मॉडल और उसकी ग्रोथ संभावनाओं पर और मजबूत हुआ है.
ऊंची वैल्यूएशन पर भी नहीं रुका जोश
लेंसकार्ट के आईपीओ की प्राइस बैंड 382 रुपये से 402 रुपये प्रति शेयर तय की गई थी. इस इश्यू में 2,150 करोड़ रुपये का नया इश्यू (Fresh Issue) और 5,128 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल था. हालांकि, कंपनी की वैल्यूएशन को लेकर बाजार में अभी भी चर्चा जारी है. ऊपरी प्राइस बैंड पर लेंसकार्ट का कुल मूल्यांकन करीब 70,000 करोड़ रुपये आंका गया है, जो वित्त वर्ष 2025 (FY25) के मुनाफे के आधार पर लगभग 230 गुना पी/ई रेश्यो (P/E Ratio) दर्शाता है. इसका मतलब है, कि कंपनी का हर 1 रुपये का मुनाफा कमाने के लिए निवेशकों को 230 रुपये का निवेश करना पड़ रहा है, जो कि बाजार के सामान्य मानकों के हिसाब से काफी महंगा (Overvalued) माना जाता है.
वित्त वर्ष 2025 में लेंसकार्ट की कुल आय 6,652 करोड़ रुपये रही, जबकि कंपनी ने 297 करोड़ का रुपये मुनाफा दर्ज किया था. हालांकि, इस मुनाफे में से एक बड़ा हिस्सा जापानी आईवियर ब्रांड ‘ओनडेज’ (Owndays) के ऐक्विज़िशन (Acquisition) से हुए एकमुश्त लाभ का परिणाम था. अगर इस एकमुश्त लाभ को हटा दिया जाए, तो कंपनी का वास्तविक शुद्ध मुनाफा लगभग 130 करोड़ रुपये के आसपास रह जाता है. यह दर्शाता है, कि कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन अभी भी सीमित है, और आगे की ग्रोथ के लिए उसे अपने ऑपरेशनल एफिशिएंसी और रेवेन्यू मॉडल पर और सुधार करने की जरूरत है.
ग्रे मार्केट प्रीमियम में उतार-चढ़ाव
लेंसकार्ट के शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम 5 नवंबर की सुबह तक 39 रुपये प्रति शेयर था, जो इसके ऊपरी प्राइस बैंड पर करीब 9.7% का संभावित लिस्टिंग गेन दर्शाता है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में इसके जीएमपी में लगातार गिरावट देखने को मिली है. जहां 28 अक्टूबर को यह 109 रुपये था, वहीं 1 नवंबर को घटकर 94 रुपये, 3 नवंबर को 70 रुपये, 4 नवंबर को 58 रुपये और अब 5 नवंबर को केवल 39 रुपये रह गया है.
यह ट्रेंड साफ बताता है कि लिस्टिंग की तारीख नजदीक आने के साथ ही शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स मुनाफावसूली की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे ग्रे मार्केट में जोश थोड़ा ठंडा पड़ा है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बाजार का सेंटीमेंट मजबूत रहा, तो लेंसकार्ट की लिस्टिंग अभी भी प्रीमियम पर हो सकती है.
लेंसकार्ट के आईपीओ की शेयर अलॉटमेंट 6 नवंबर 2025 को तय की गई है, जबकि इसकी लिस्टिंग 10 नवंबर 2025 को स्टॉक मार्केट (बीएसई और एनएसई) में होने की संभावना है. अब पूरे बाजार की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि लिस्टिंग के दिन शेयर कितना मजबूत प्रदर्शन करते हैं और क्या यह 28 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन निवेशकों के लिए वास्तविक मुनाफे में बदल पाता है या नहीं, यह तो लिस्टिंग के बाद ही पता चलेगा.












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