योगी ने बाढ़ पीड़ितों की कुशलक्षेम पूछने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये, साथ ही बाढ़ पीड़ितों को आश्वस्त किया कि सरकार हर प्रकार से आपके साथ है।
लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने जीवी जैन डिग्री कॉजेल में स्थित बाढ़ राहत शिविर का भी दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से बातचीत में कहा, ''इस आपदा के समय में आपके सामने किसी भी प्रकार की कमी सरकार नहीं आने देगी। जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, हम उसका सर्वे कराएंगे और तुरंत आर्थिक सहायता देंगे।''
योगी ने कहा कि नदियों के कटान से जिन खेतों को नुकसान हुआ है, उसे बाढ़ उतरने के साथ ही ठीक कराने का कार्य किया जाएगा। बाढ़ पीड़ितों और आपदा की चपेट में आने वाले लोगों के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''सरकार बाढ़ पीड़ितों के भोजन, स्वास्थ्य और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर रही है। इस आपदा से आपको शीघ्र राहत मिले इसकी कामना करता हूं और आश्वस्त करता हूं कि सरकार हर वक्त आपके साथ है। हमारे जन प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी कर्मचारी आपकी मदद के लिए यहां हमेशा मौजूद रहेंगे।''
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि पश्चिमी उप्र के कुछ जनपदों में बाढ़ और जल जमाव के मामले सामने आये हैं। यमुना, हिंडन, धनोला और पांव धोनी नदियों में बाढ़ और जलजमाव का आज हवाई और जमीनी निरीक्षण किया गया है।
उन्होंने कहा कि सहारनपुर शहर के 28 मोहल्ले और ग्रामीण इलाकों के 118 गांव की कुल पौने तीन लाख की आबादी प्रभावित हुई है, इसके अलावा 13 हजार एकड़ कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई है।
योगी ने पुलिस लाइन सभागार में जिले के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ के मद्देनजर महत्वपूर्ण बैठक की।
उन्होंने बाढ़ प्रभावितों की मदद में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के लिए निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि राहत शिविर में रह रहे लोगों को किसी भी तरह से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और उनके रहन-सहन एवं खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।
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