देश की खबरें | 'लाल सलाम' के नारों के बीच येचुरी का पार्थिव शरीर चिकित्सा अनुसंधान के लिए एम्स को सौंपा गया

नयी दिल्ली, 14 सितंबर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लाल झंडे में लिपटे, पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को शनिवार को ‘‘लाल सलाम’’ के नारों के बीच चिकित्सा अनुसंधान के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अधिकारियों को सौंप दिया गया।

इससे पहले दिन में दिग्गज मार्क्सवादी नेता येचुरी का पार्थिव शरीर उनके आवास से यहां पार्टी मुख्यालय एकेजी भवन लाया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लाल झंडे में लिपटे येचुरी के पार्थिव शरीर को पार्टी कार्यालय में रखा गया, जहां पोलित ब्यूरो के सदस्यों प्रकाश करात, वृंदा करात, पिनराई विजयन और एम. ए. बेबी समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अपने पार्टी सहयोगी जयराम रमेश, राजीव शुक्ला और अन्य के साथ येचुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए एकेजी भवन पहुंचीं।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने भी माकपा मुख्यालय में येचुरी को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने भी येचुरी को श्रद्धांजलि दी।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर, सचिन पायलट, रमेश चेन्निथला, द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन, टीआर बालू, दयानिधि मारन, आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा और गोपाल राय, भाकपा महासचिव डी राजा और पार्टी नेता एनी राजा, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी उन राजनीतिक नेताओं में शामिल थे जिन्होंने येचुरी को श्रद्धांजलि दी।

चीनी राजदूत शू फेइहोंग, वियतनाम के राजदूत गुयेन थान हाई, फलस्तीन के राजदूत अदनान अबू अलहैजा और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और इतिहासकार रोमिला थापर ने भी येचुरी को श्रद्धांजलि दी।

येचुरी (72) का फेफड़ों में संक्रमण के कारण बृहस्पतिवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया था।

येचुरी की हालत पिछले कुछ दिनों से गंभीर थी और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आईसीयू में श्वसन संबंधी संक्रमण को लेकर उनका इलाज हो रहा था। उन्हें 19 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

येचुरी के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को एम्स से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ले जाया गया, जहां सैकड़ों छात्रों और संकाय सदस्यों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।

जेएनयू में एक छात्र के रूप में येचुरी ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) का हिस्सा थे, जिसमें वे 1974 में शामिल हुए और कुछ महीने बाद आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

उन्होंने 1977-78 के दौरान तीन बार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

बाद में उनके शव को उनके आवास पर ले जाया गया जहां वरिष्ठ माकपा नेताओं ने अपने ‘कामरेड’ को श्रद्धांजलि दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शुक्रवार शाम को येचुरी को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी थी।

येचुरी के परिवार में उनकी पत्नी सीमा चिश्ती के अलावा एक पुत्र दानिश और पुत्री अखिला हैं। उनके बड़े बेटे आशीष येचुरी का 2021 में कोविड के कारण निधन हो गया था। उनकी पहली शादी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी।

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