वियना, 10 जुलाई भारत और ऑस्ट्रिया ने बुधवार को भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों पर चर्चा की और बहुप्रतीक्षित भारत- यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर तेजी लाने की बात कही। दोनों पक्षों ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के पास दुनिया का सबसे बड़ा और जीवंत मुक्त-बाजार क्षेत्र है।
दोनों देशों ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ और भारत के बीच मजबूत संबंध न केवल द्विपक्षीय रूप से लाभदायक है बल्कि इसका वैश्विक स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं निवेश वार्ता और यूरोपीय संघ-भारत संपर्क साझेदारी को तेजी से लागू करने के लिए समर्थन की बात दोहरायी।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार शाम को दो-दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे थे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 41 साल के बाद ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा है।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ संबंध समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। आप जानते ही हैं, यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत 23 साल से अधिक समय से चल रही है।’’
क्वात्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और ऑस्ट्रियाई चांसलर इस बात पर सहमत हुए कि चर्चा काफी लंबा खिंच गई है। दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों को इसे तेज गति से आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में विभिन्न अवसरों पर भी चर्चा की।’’
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘चांसलर नेहमर और प्रधानमंत्री मोदी भारत और यूरोपीय संघ को करीब लाने के लिए विभिन्न उपायों का समर्थन करने पर सहमत हुए। उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और निवेश वार्ता और यूरोपीय संघ-भारत कनेक्टिविटी साझेदारी को तेजी से लागू करने के लिए समर्थन की बात दोहरायी।’’
रमण प्रेम
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