Aaj 21 October 2024 Ka Panchang: पंचांग का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है. पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है.जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है. इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं.
आज 21 अक्टूबर 2024 सोमवार का दिन है. कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष पञ्चमीः 02.29 AM, अक्टूबर 24 तक, इसके बाद षष्ठी लग जाएगी. सूर्यः सूर्य तुला राशि पर है, योग -परिघ करण-कौलव 03.18 PM तक, आज का नक्षत्र रोहिणी– 06.50 AM तक उसके बाद मॄगशिरा – 05.51 AM, बाद तैतिल 02.29 AM तक, बाद गर है, आज का दिन बहुत ही शुभ फलदायक है. देखिए आज का पंचांग. ये भी पढ़े:आज 20 October 2024 का पंचांग: आज सुहागनों के पवित्र पर्व करवा चौथ पर जानें शुभ-अशुभ काल, सूर्योदय-सूर्यास्त, राहुकाल एवं अन्य ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति!
सूर्योदयः 06.29 AM
सूर्यास्तः 05.53 PM
चन्द्रोदयः 07.22 PM (19 अक्टूबर 2024)
चन्द्रास्तः 09.24 AM (20 अक्टूबर 2024)
सूर्यः तुला राशि में प्रवेश
चन्द्रमा 06.15 PM तक चन्द्रमा वृषभ उपरांत मिथुन राशि पर संचार करेगा
प्रदोष कालः 06.01 PM से 07.11 PM
तिथि | तृतीया तिथि 02.29 AM तक, तत्पश्चात चतुर्थी |
पक्ष | कृष्ण |
वार | सोमवार |
नक्षत्र | आज का नक्षत्र रोहिणीः 06.50 AM तक |
योग | योग -परिघ |
राहुकाल | 07.55 AM से 09.21 AM तक |
सूर्योदय-सूर्यास्त | 06.30 AM से 05.53 PM |
चंद्रोदय-चंद्रास्त | 07.22 PM से 09.24 AM (20 अक्टूबर 2024) |
दिशा शूल | दिशा शूल पूर्व |
चंद्रमा राशि | 06.15 PM तक चन्द्रमा वृषभ उपरांत मिथुन राशि पर |
सूर्य राशि | सूर्य -तुला राशि में प्रवेश |
शुभ मुहूर्त, 21 अक्टूबर 2024
ब्रह्म मुहूर्त | 04.50 AM से 05.38 AM |
अभिजीत मुहूर्त | 11.48 AM से 12.34 PM |
गोधुलि बेला | 12.01 PM से 01.37 PM तक |
निशिता काल | 11.29 PM से 12.16 AM,
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अमृत काल | 06.30 AM से 07.55 AM |
विजय मुहूर्त | 02.10 AM से 03.03 AM - |
आज का अशुभ समय
राहु कालः 04.27 PM से 05.53 PM तक
कालवेला/अर्द्धयाम से 11.19 AM से 12.05 AM तक
दुष्टमुहूर्तः 03.54 PM से 04.40 PM तक
यमगण्डः 11.42 AM से 01.08 PM तक
भद्राः 05.59 AM से 06.46 AM
गुलिकः 02.34 PM से 04.00 PM तक
गंडमूल--नहीं है
आज का पर्व और उपाय
आज के सोमवार का व्रत रखें. शिवपुराण का पाठ करें. भगवान शिव व चन्द्रमा के आशीर्वाद के लिए व्रत रहेंगे. इस दिन फलाहार व्रत के अलावा चन्द्रमा की उपासना की जाती है. इस व्रत से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं, तथा जातक को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु संकल्प करके नियमित रूप से हर सोमवार को व्रत रहें और भगवान शिव की पूजा करें. मन्दिर में शिवलिंग पर गंगा जल, शहद, शक्कर व तिल अर्पित करें. इस दिन श्री रामचरितमानस का नियमित पाठ करना चाहिए.