देश की खबरें | आश्रय से इनकार नहीं, लेकिन विदेशियों को अवैध गांव बसाने की इजाजत नहीं : मुख्यमंत्री

इंफाल, 16 दिसंबर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि मानवीय आधार पर मांगने वालों को आश्रय देने से इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन विदेशियों को राज्य में घुसपैठ करने और अवैध गांव बसाने की इजाजत नहीं दी जा सकती ।

सिंह ने कहा कि प्रशासन को उन लोगों का बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करने की जरूरत है जिन्होंने म्यांमा से भागकर कामजोंग जिले में शरण ली है।

एक अधिकारी ने कहा कि नवंबर में पड़ोसी देश में सेना और कथित उग्रवादियों के बीच फिर से हिंसा भड़कने के बाद म्यांमा से लगभग 2060 लोग सीमावर्ती जिले कामजोंग में पांच स्थानों पर पहुंच गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम मानवीय आधार पर आश्रय देने से इनकार नहीं कर सकते। एकमात्र चीज यह है कि उनके बायोमेट्रिक विवरण लिए जाएं और उन्हें अस्थायी रूप से आश्रय प्रदान किया जाए। हम उन्हें बता रहे हैं कि मणिपुर में घुसपैठ न करें और अवैध गांव न बसाएं।’’

सिंह ने 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तान पर भारतीय सेना की जीत के उपलक्ष्य में आयोजित विजय दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम उन्हें (म्यांमा के लोगों को) भोजन, दवाएं और रहने के लिए तंबू मुहैया करा रहे हैं।’’

उन्होंने पुलिस से सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा।

मणिपुर म्यांमा के साथ 398 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से पूर्वोत्तर राज्य में आने वाले अधिकांश लोग चिन समुदाय के हैं, जो मणिपुर के कुकी के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं।

सिंह ने ‘‘पिछले छह महीनों में राज्य में शांति लाने में केंद्र और राज्य सरकारों के सुरक्षा बलों के समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की।’’

तीन मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष ने मणिपुर को झकझोर कर रख दिया है।

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