Punjab Assembly Election 2022: अरविंद केजरीवाल पंजाब के आप विधायकों से मिले, विधानसभा चुनाव व किसान आंदोलन पर की चर्चा
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली/चंडीगढ़: दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को पंजाब (Punjab) में अपनी पार्टी के विधायकों (MLA) से मुलाकात की और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) और किसानों (Farmers) के प्रदर्शन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. आप की पंजाब इकाई की ओर से चंडीगढ़ (Chandigarh) में जारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने दिल्ली स्थित आवास पर आप विधायकों के साथ बैठक की जो करीब तीन घंटे तक चली. पंजाब में आप के प्रदेश अध्यक्ष और संगरूर से सांसद भगवंत मान (Bhagwant Mann) और पंजाब में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) बैठक में मौजूद थे. Punjab Assembly Election 2022: पंजाब चुनाव को लेकर सियासत हुई तेज, अमरिंदर सिंह सरकार के मंत्री ने केजरीवाल के मुफ्त बिजली के ऐलान को बताया नाटक

बैठक के बाद मान ने कहा कि पंजाब में आप की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पार्टी के राज्य के सभी विधायकों से मुलाकात की और इस बारे में विस्तार से चर्चा की कि आप की नीतियों को पंजाब के हर मतदाता तक कैसे पहुंचाया जा सकता है.

उन्होंने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, “ केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव को लेकर बूथ स्तर पर पार्टी की ताकत, रोडमैप और रणनीति पर चर्चा की. हमने चर्चा की कि चुनाव के लिए क्या खाका होगा? पार्टी के बयान के मुताबिक केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की और किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए विस्तृत सुझाव मांगे.

संपर्क करने पर, पंजाब में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक विधायक ने कहा कि पार्टी को जल्द ही अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए. पिछले महीने अपनी अमृतसर यात्रा के दौरान, केजरीवाल ने घोषणा की थी कि 2022 के चुनावों के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा सिख समुदाय से होगा.

पार्टी ने बयान में कहा कि केजरीवाल ने सभी विधायकों को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि किसान आंदोलन को हर स्तर पर समर्थन दिया जाना चाहिए. बयान के मुताबिक, “उन्होंने कहा कि आज देश के अन्नदाता अपनी जमीन और अस्तित्व के लिए लड़ने को मजबूर हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपना अड़ियल रुख नहीं छोड़ रही है, जो निंदनीय है.”

बकौल बयान, “उन्होंने दोहराया कि केंद्र सरकार को कृषि विरोधी काले कानूनों को तुरंत निरस्त करना चाहिए और बिजली संशोधन विधेयक 2021 को संसद में पेश नहीं करना चाहिए.” केजरीवाल ने कहा कि हर कोई विभिन्न माफियाओं से अच्छी तरह वाकिफ है जो शिअद-बीजेपी की पूर्व और कांग्रेस की वर्तमान सरकार के दौरान कथित रूप से फले-फूले हैं.

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