पटना, दो दिसंबर बिहार सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती परीक्षा को अनियमितता की रिपोर्ट मिलने के बाद सोमवार को रद्द कर दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने यहां तीन केंद्रों पर ऑनलाइन परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर ‘अनियमितता बरते जाने और कदाचार’ का पता लगाया है।
यह परीक्षा रविवार को पटना स्थित 12 ऑनलाइन केंद्रों पर आयोजित की गई थी।
उप महानिरीक्षक (ईओयू) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुलिस ने इस मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिसमें अभ्यर्थी, परीक्षा केंद्र के मालिक और कर्मचारी और आईटी प्रबंधक शामिल हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के कब्जे से कई इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम और क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड बरामद किए गए।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए ईओयू और पटना पुलिस के अधिकारियों ने रविवार को संयुक्त रूप से पटना के तीन परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए रविवार से शुरू हुई ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सोमवार को भी आयोजित होने वाली थी।
ईओयू के बयान में कहा गया, ‘‘अधिकारियों ने पाया कि परीक्षा केंद्रों के कर्मचारियों ने प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट व्यूइंग एप्लिकेशन के माध्यम से प्रश्न हल करने वाले गिरोह को कंप्यूटर सिस्टम तक अनधिकृत पहुंच प्रदान की। मौके से एकत्र किए गए साक्ष्य से पता चला कि आरोपी ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) के माध्यम से ‘वास्तविक समय’ के आधार पर प्रश्नपत्र हल कर रहे थे।’’
अधिकारियों ने यह भी पाया कि परीक्षा केंद्रों के मालिक, कर्मचारी और निजी आईटी प्रबंधक परीक्षा के दौरान अनियमितताओं में शामिल थे।
परीक्षा आयोजित करने में पुणे स्थित एक आईटी कंपनी भी शामिल थी। डीआईजी ने कहा, ‘‘परीक्षा रद्द कर दी गई है और मामले की जांच करने और प्रश्नपत्र हल करने वाले (सॉल्वर) गिरोह में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।’’
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