नई दिल्ली: सोमवार 2 दिसंबर को संसद के बालयोगी ऑडिटोरियम में 'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग आयोजित की गई. अभिनेता और सांसद रवि किशन ने इस मौके पर कहा, "देश जिस सच को जानना चाहता है, वह अब सामने आ रहा है." यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में हुए दुखद आगजनी की घटना पर आधारित है.
फिल्म में विक्रांत मैसी मुख्य भूमिका में हैं, और इसे निर्देशन किया है धीरज सरना ने. रवि किशन ने ANI से बातचीत में कहा कि यह फिल्म एक ईमानदार प्रयास है, जो उस साजिश को उजागर करती है जिसे लंबे समय से दबाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फिल्म की सराहना करते हुए कहा, "झूठ का एक समय तक ही वजूद रहता है, अंततः सच्चाई सामने आती ही है."
राजनीतिक हस्तियों से मिली सराहना
फिल्म को कई राज्यों में टैक्स-फ्री घोषित किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में फिल्म की स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया और इसे देश के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, "यह फिल्म समाज में फैलाई गई वैमनस्यता के पीछे की सच्चाई को उजागर करती है."
बीजेपी सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने इसे एक "बेहतरीन फिल्म" करार दिया. उन्होंने कहा, "कई लोग इसे दुर्घटना बताते रहे, लेकिन यह जानबूझकर किया गया कृत्य था." गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी फिल्म की प्रशंसा करते हुए इसे "सटीक और संवेदनशील" बताया.
'द साबरमती रिपोर्ट' को एकता कपूर, शोभा कपूर, अमुल वी. मोहन और अंशुल मोहन ने प्रोड्यूस किया है. एकता कपूर ने बताया कि इस फिल्म के लिए एक साल तक गहन शोध किया गया. "हमने पूर्व की रिसर्च और तथ्यों को जांचा-परखा, उसके बाद ही इस फिल्म पर काम शुरू किया," उन्होंने कहा.
क्या है घटना
साल 2002 में साबरमती एक्सप्रेस की एस-6 बोगी में आग लगने से 59 लोग मारे गए थे. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और इसके बाद गुजरात में हिंसा भड़क उठी. फिल्म इस त्रासदी के पीछे की सच्चाई को समझाने और पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने का प्रयास करती है.
फिल्म का संदेश
'द साबरमती रिपोर्ट' न केवल उस दुखद घटना की सच्चाई सामने लाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे सच्चाई को दबाने के प्रयास किए गए. फिल्म समाज को यह संदेश देती है कि झूठ चाहे जितना भी बड़ा क्यों न हो, सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता.