देश की खबरें | राज्यपाल ने संदेशखालि का दौरा किया, भाजपा के छह विधायक निलंबित

कोलकाता, 12 फरवरी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और उत्पीड़न का दावा करने वाली महिलाओं को न्याय दिलाने का संकल्प जताया।

विधानसभा में संदेशखालि का मुद्दा उठाने पर भारतीय जनता पार्टी के छह विधायकों को आज निलंबित कर दिया गया।

संदेशखालि में लगातार पांचवें दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उनके कथित “गिरोह” की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं। आरोपों में जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करना और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करना शामिल है।

उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में पांच जनवरी को उनके परिसर में छापे मारने पहुंचे ईडी के अधिकारियों पर भीड़ द्वारा किए गए हमले के बाद से शेख वांछित हैं। वह इस हमले के बाद से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं।

केरल की अपनी यात्रा रद्द कर अशांत क्षेत्र में पहुंचे राज्यपाल आनंद बोस ने संदेशखालि में हुई घटनाओं पर निराशा व्यक्त की। स्थिति से आहत दिख रहे राज्यपाल ने दुख व्यक्त किया और पीड़ित महिलाओं को समर्थन देने का वादा किया।

बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने जो देखा वो भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था। मैंने वो कुछ देखा जो कभी नहीं देखना चाहिए था। मैंने कई चीजें सुनी जो कभी नहीं सुननी चाहिए थीं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि पर यह सब हुआ।’’

राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के प्रावधानों के तहत कानून के अनुसार इससे लड़ेंगे।

राज्यपाल के संदेशखालि दौरे को ज्यादा तवज्जो न देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां से एक कार्यक्रम के लिए हुगली रवाना होने से पहले कहा, “जिन लोगों पर आरोप लगे हैं उन्हें हम पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं।”

सियासी घमासान विधानसभा तक पहुंच गया, जहां भाजपा विधायकों ने बनर्जी से इस मुद्दे पर जवाब मांगा जिसके बाद सदन में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई।

सदन में प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों ने सफेद रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी जिस पर लाल रंग से लिखा था “हम संदेशखालि के साथ हैं”।

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के अनुरोध के बावजूद भाजपा विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन करते रहे।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस विधायक शोभनदेब चटर्जी को भाजपा विधायकों के निलंबन के लिए प्रस्ताव लाने की अनुमति दी।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के छह विधायकों को निलंबित कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के अलावा, अग्निमित्र पाल, मिहिर गोस्वामी, बंकिम घोष, तापसी मंडल और शंकर घोष को मौजूदा सत्र की शेष अवधि या 30 दिन, जो भी पहले हो, के लिए निलंबित कर दिया गया।

अधिकारी ने टिप्पणी की, “हमें गर्व है कि संदेशखालि के लोगों के साथ खड़े होने के कारण हमें निलंबित कर दिया गया है।”

टीएमसी के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने भाजपा पर विधानसभा की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया।

निलंबन के बाद, अधिकारी और 67 भाजपा विधायकों ने संदेशखालि जाने का प्रयास किया लेकिन दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के कारण उन्हें रोक दिया गया।

अधिकारी ने कहा, ‘‘प्राधिकारियों ने निषेधाज्ञा और बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक के उस पत्र का हवाला देते हुए हमें बसंती राजमार्ग पर रोक दिया जिसमें दावा किया गया है कि मेरे संदेशखालि जाने से क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती है।’’

उन्हें संदेशखाली से लगभग 65 किमी दूर बसंती एक्सप्रेसवे पर रोक दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बेतुकी बात है। हम सच्चाई को दबाने की राज्य सरकार की इस कोशिश की निंदा करते हैं।’’

इसके बाद उन्होंने बसंती हाईवे पर ही धरना दिया और सरकार द्वारा ‘सच को दबाए जाने’ की निंदा की।

बढ़ते जनाक्रोश के जवाब में तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा की कि वरिष्ठ नेता पार्थ भौमिक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार दोपहर को स्थिति का आकलन करने के लिए संदेशखालि का दौरा करेगा।

पिछले महीने शेख शाहजहां के घर छापा मारने गए ईडी के दल पर हमले के बाद से संदेशखालि इलाका चर्चा में है।

स्थानीय तृणमूल नेताओं के निलंबन के बावजूद स्थानीय नेताओं के अत्याचारों को लेकर निवासियों में असंतोष बना हुआ है।

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