तिरुवनंतपुरम, 9 जून : केरल में सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) और उनके परिवार के विरुद्ध चौंकाने वाले ‘खुलासे’ के बाद से राज्य की राजनीति में आया उबाल बृहस्पतिवार को भी जारी रहा. राज्यभर में विपक्ष के नेताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे के मांग की. कांग्रेस का आरोप है कि विजयन, पुलिस के दुरुपयोग और सत्ता का बेजा इस्तेमाल कर जांच से बचना चाहते हैं. कांग्रेस युवा मोर्चा और भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कोझिकोड और कोट्टायम में जिलाधिकारी कार्यालयों तक जुलूस निकाला. त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझिकोड, कोट्टायम और तिरुवनंतपुरम में पुलिस ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का प्रयोग किया.
एर्णाकुलम में युवा कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जिला कांग्रेस समिति द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में प्रतीक के रूप में नकली सोने के बिस्कुट और बिरयानी के बर्तन प्रदर्शित किये और मुख्यमंत्री के विरुद्ध नारे लगाए. इस बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन ने कहा कि विजयन को नैतिकता के नाते अब पद छोड़ देना चाहिए. सतीशन ने विजयन पर लगे आरोपों की तुलना सोलर घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी पर लगे आरोपों से की और कहा कि विजयन ने कांग्रेस नेता के विरुद्ध सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले मार्क्सवादी पार्टी के प्रदेश सचिव के तौर पर विजयन ने फेसबुक पर लिखा था कि चांडी के बचने का कोई रास्ता नहीं है क्योंकि मुख्य आरोपी बीजू राधाकृष्णन ने चांडी को पांच करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया था. यह भी पढ़ें : यूपी के गांव में भीख मांगने वाले मुस्लिम फकीरों से मारपीट
उन्होंने कहा कि अब सोने और डॉलर की तस्करी के मामले में स्वप्ना सुरेश ने मुख्यमंत्री के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए हैं और अदालत में बयान दिया है. सतीशन ने कहा, “मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने और पारदर्शिता के साथ जांच कराने की घोषणा करने की बजाय, पिनराई विजयन जांच को बंद करना चाहते हैं, साक्ष्यों को मिटाना चाहते हैं और पुलिस का दुरुपयोग कर जांच से बचना चाहते हैं.” हालांकि, वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के विधायक और पूर्व मंत्री के. टी. जलील ने दोहराया है कि सुरेश डेढ़ साल से जेल में बंद हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री तथा उनके परिवार के विरुद्ध झूठे आरोप लगाए हैं. जलील की शिकायत के आधार पर ही पुलिस ने सुरेश के विरुद्ध मामला दर्ज किया था.