देश की खबरें | ईडी ने वाल्मीकि निगम ‘घोटाला’ मामले में कांग्रेस के दो विधायकों के परिसरों में छापेमारी की

मैसुरु, 10 जुलाई प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़ी धन शोधन जांच के तहत कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र और विधायक बी दद्दाल के परिसरों सहित चार राज्यों में छापेमारी की । आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के करीब 20 स्थानों पर छापे मारे। ईडी ने यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में की।

कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व आदिवासी कल्याण एवं खेल मंत्री नागेंद्र और रायचूर ग्रामीण सीट से कांग्रेस विधायक दद्दाल के बेंगलुरु, रायचूर और बल्लारी, मुंबई के कुछ बुलियन ऑपरेटरों और कुछ एंट्री ऑपरेटरों और संबंधित संस्थाओं के परिसरों में छापेमारी की जा रही है। ईडी की टीमों के साथ सीआरपीएफ का एक सशस्त्र दल भी मौजूद था।

नागेंद्र के पीए को पूछताछ के लिए बेंगलुरु स्थित ईडी कार्यालय ले जाया गया। अधिकारियों ने कुछ कागजात और कंप्यूटर हार्डवेयर बरामद किये हैं। दद्दाल निगम के अध्यक्ष भी हैं ।

राज्य सरकार ने जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में आर्थिक अपराध मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।

एसआईटी ने मामले के सिलसिले में मंगलवार को नागेंद्र और दद्दाल से पूछताछ की थी।

इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार निगम में कथित अनियमितता संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ईडी को अपना काम करने दीजिये । हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे।’’

छापेमारी संबंधी एक सवाल के जवाब में सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईडी को कानून के अनुसार अपना काम करने दें। उन्हें जो करना है, करने दें।’’

निगम से संबंधित अवैध धन हस्तांतरण का मामला तब प्रकाश में आया जब इसके लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी 21 मई को मृत मिले थे ।

चंद्रशेखरन ने अपने कथित सुसाइड नोट में निगम के बैंक खाते से अन्य बैंक खातों में धन के अनधिकृत हस्तांतरण का दावा किया था।

इसके बाद दो अधिकारी निलंबित कर दिये गये । दबाव को देखते हुये मंत्री नागेंद्र ने 29 मई को त्याग पत्र दे दिया ।

इसके बाद कांग्रेस सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया, जिसने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।

सुसाइड नोट में चंद्रशेखरन ने आरोप लगाया कि सरकारी निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये का अनधिकृत हस्तांतरण किया गया। इसके अलावा, कुछ आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी बैंक के विभिन्न खातों में 88.62 करोड़ रुपये अवैध रूप से जमा किए गए।

राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की है, वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो भी इसकी जांच कर रहा है।

इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पत्र के आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने एक प्राथमिकी दर्ज की है और अब प्रवर्तन निदेशालय मामले में छापेमारी कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम नागेंद्र और दद्दाल के परिसरों में ईडी की छापेमारी का स्वागत करते हैं ।’’

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